पुडुचेरी: पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने रविवार को कहा कि यदि प्रधानमंत्री राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार केंद्र में सत्ता में आती है तो हम NEET को रद्द कर देंगे। वी नारायणसामी ऐसे इसलिए कह रहे है क्योंकि इससे पहले कांग्रस सरकार के समय यह परीक्षा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा संचालित होती थी। लेकिन वर्ष 2016 की परीक्षाओं के लिए केन्द्र सरकार ने नीट (एनईईटी) परीक्षा आयोजित कराने का फैसला किया। पहले देश में मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए अलग-अलग 90 परीक्षाएं होती थीं। CBSE बोर्ड AIPMT के नाम से परीक्षा करवाता था। जबकि हर राज्य की अलग अलग मेडिकल प्रवेश परीक्षा होती थी।
कोविड-19 के बीच सख्त एहतियात के साथ नीट परीक्षा प्रांरभ
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सख्त एहतियात के साथ रविवार को देशभर में 3,800 से अधिक केद्रों पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) शुरू हुई। राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) दो बजे शुरू हुई, लेकिन परीक्षा केद्रों पर ग्यारह बजे से प्रवेश शुरू हो गया था। विद्यार्थियों को अलग-अलग समय दिया गया था, ताकि परीक्षा केंद्रों पर भीड़ न लगे और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन हो सके। पंद्रह लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने नीट के लिए पंजीकरण कराया है। यह परीक्षा पहले दो बार स्थगित की जा चुकी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी और आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा के लिए सारे इंतजाम किये गये हैं।
निशंक ने कह, ‘‘ मैं आज नीट परीक्षा में शामिल हो रहे उम्मीदवारों को शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि विद्यार्थी विश्वास के साथ और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए परीक्षा देंगे। सभी राज्यों ने दिशानिर्देशों के अनुसार स्वच्छता और विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी इंतजाम किया है। ’ मुरादाबाद से यहां दिलशाद गार्डन परीक्षा देने आये मोहम्मद ओवैस ने कहा कि उसे प्रवेश के लिए 11 बजे का वक्त दिया गया था।
उसने कहा, ‘‘ मैं सुबह पांच बजे से मुरादाबाद से चला। यदि सभी लोग एहतियात का पालन करें तो उतना जोखिम नहीं है लेकिन दिक्कत तब होती है जब लोग इसे हल्के में लेते हैं। परीक्षा केंद्रो पर भीड़ नहीं थी क्योंकि अलग-अलग वक्त दिया गया था।’’
रोहिणी की वन्हिका चौरसिया ने कहा, ‘‘ ऑनलाइन परीक्षा कागज कलम वाली परीक्षा से अधिक बेहतर होती है लेकिन हमारे पास विकल्प नहीं है। और देर होने से एक साल नुकसान हो जाता।’’ युवराज कुमार ने कहा, ‘‘ शुक्र है कि परीक्षा से पहले मेट्रो सेवाएं बहाल हो गयीं क्योंकि मुझे उसकी फिक्र थी और परिवहन के अन्य साधन सुरक्षित नहीं है।’’
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