chanakya
रखें सच्चे मित्र की सही परख-
आचार्य का कहना था कि हमें अपने सच्चे मित्रों की परख होनी ही चाहिए क्योंकि गुरबत में सच्चे मित्र ही परेशानियों से बचाते हैं और कठिन समय में मदद करते हैं। उनका कहना था कि जिस व्यक्ति में अपने परिवार का पालन पोषण करने की योग्यता ना हो, जो व्यक्ति अपनी गलती होने पर भी किसी से न डरता हो, जो व्यक्ति शर्म नहीं करता है, जिसमें उदारता का भाव न हो, जो त्यागशील नहीं है, वे मित्रता के योग्य नहीं होते। इसलिए हमें मित्र बनाते समय इन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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