नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को कहा कि उनके शासन काल में भारत और अमेरिका को निशाना बनाने वाले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के बीच भेदभाव नहीं किया गया। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मेलन में उन्होंने बताया कि उन्होंने 2008 के मुंबई हमले के बाद नई दिल्ली को आतंकियों के बुनियादी ढांचे को तहस-नहस करने के लिए हर तरह की खुफिया व सैन्य सहायता देने की पेशकश की थी।
ओबामा से जब पूछा गया कि भारत के साथ जो आतंकवाद की समस्या है, उससे वह कैसे निपटते तो उन्होंने कहा, "आतंक से निपटने का हमारा तरीका आपसे अलग है।" उन्होंने कहा, "जब मुंबई में दुखद घटना हुई थी तो हम भी आतंक के नेटवर्क को नष्ट करने को लेकर वैसा ही सोच रहे थे जैसा भारत सोच रहा था। सच तो यह है कि हमारे खुफिया और सैनिकों को तुरंत भारत सरकार के साथ काम करने के लिए कहा गया था।"
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान को मालूम था कि अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन एबटाबाद में छिपा है, जहां अमेरिकी नौसेना के सील्स कमांडो ने दो मई, 2011 को मार गिराया था, ओबामा का जवाब था कि इस संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारे पास कोई सबूत नहीं था कि पाकिस्तान की सरकार बिन लादेन के वहां होने के बारे में जानती थी। यह ऐसी बात है जिसपर जाहिर तौर पर हमने विचार किया था।" ओबामा ने उस ऑपरेशन का निरीक्षण किया था।
इसको लेकर पत्रकार करण थापर ने जब सवाल किया कि इसका मतलब इस्लामाबाद ने इसे नजरअंदाज किया? तो ओबामा ने कहा कि जो मैंने कहा, उससे आगे की मीमांसा आपके ऊपर छोड़ता हूं। ओबामा ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में 'उतार-चढ़ाव' पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद कई मामलों सहयोगी रहा है, लेकिन वहां कुछ तत्व (जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया) अच्छे नहीं हैं।
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