नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व प्रमुख वीके सारस्वत ने दावा किया है कि पूर्व की UPA सरकार के दौरान भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को मिशन शक्ति तकनीक की पेशकश की गई थी लेकिन उस समय इसकी इजाजत नहीं दी गई थी, अगर उस समय इजाजत दे दी होती तो पहले ही इस तकनीक का परीक्षण कर लिया जाता।
वीके सारस्वत ने कहा कि पूर्व की UPA सरकार से मंजूरी नहीं मिलने के बाद DRDO ने इसके परीक्षण के फैसले को टाल दिया था। उन्होंने कहा कि अगर 2012-13 में ही इस तकनीक के परीक्षण की इजाजत दे दी गई होती तो 2014-15 में इसे लॉन्च किया जा सकता था। वी के सारस्वत मई 2013 में DRDO प्रमुख के पद से सेवानिवृत हुए थे और फिलहाल वे नीति आयोग के सदस्य हैं।
वीके सारस्वत ने कहा कि इस बार मौजूदा DRDO चेयरमैन सतीश रेड्डी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जब प्रधानमंत्री को इस तकनीक का प्रस्ताव सौंपा तो प्रधानमंत्री ने साहस दिखाते हुए इसकी अनुमती दे दी।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने महत्वपूर्ण संदेश में बताया कि अंतरिक्ष में 27 मार्च को भारत दुनिया की चौथी महाशक्ति बन गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने आज अंतरिक्ष महाशक्ति, स्पेश पावर के तौर पर दर्ज करा दिया है, अबतक दुनिया के तीन देश अमेरिका, रूस और चीन को यह उपलब्धि हासिल थी, भारत चौथा देश हो गया है और हर हिंदुस्तानी के लिए इससे बड़ा गर्व का पल नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कुछ ही समय पूर्व हमारे वैज्ञानिकों ने स्पेश में 300 किलोमीटर दूर, लो अर्थ ऑरबिट (LEO) में एक सैटेलाइट को मार गिराया है, सेटलाइट को एंटी सेटलाइट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया है, सिर्फ 3 मिनट में सफलता पूर्वक यह ऑपरेशन पूरा किया गया है।
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