नई दिल्ली: अगर लोग बढ़ते तेल के दाम से परेशान हैं तो देश के एक बड़े हिस्से में लोग तपती गर्मी के बीच पीने के पानी की किल्लत से भी परेशानी में हैं। पानी के लिए ऐसा एक जद्दोजहद चल रही है मध्य प्रदेश के एक गांव में जहां पानी के लिए जान की बाजी लगाई जाती है। जी हां, उज्जैन के गिदगढ़ गांव में पानी भरने के लिए बच्चे गहरे कुएं में रस्सी से उतरते हैं। इस गांव में खारे पानी की वजह से पीने के पानी की भारी किल्लत है। ये तस्वीरें हमारे इसी समाज और आज के बदलते वक्त की हैं।
मध्य प्रदेश में उज्जैन की कुंभ नगरी से करीब 60 किलोमीटर दूर चंबल किनारे का गांव गिदगढ़ पानी की भारी किल्लत से गुजर रहा है। 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में एक बाल्टी पानी के लिए बच्चे 25 फीट गहरे कुएं में रस्सी से उतरते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अभी गर्मी शुरू ही हुई है और गांव के हैंडपंप में पानी आना बंद हो चुका है और आता भी है तो खारा पानी मिलता है।
गांव के लोगों की प्यास बुझाने का एकमात्र सहारा रोड़ी माता के पास एकमात्र सार्वजनिक कुआं है जिसमें भी पानी बहुत कम ही बचा है। बारी-बारी से बच्चे कुएं में उतरते हैं और किसी तरह पीने के पानी का जुगाड़ करते हैं।
पानी की इस समस्या पर प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है। हालांकि इंडिया टीवी ने जब सवाल किया तो नायाब तहसीलदार मामले पर संज्ञान लेने की बात करते नजर आए। गिदगढ़ गांव की ये तस्वीरें हमें आने वाले भविष्य की डरावनी तस्वीरों से रूबरू कराती हैं जब हमारी धरती पर पानी की भारी किल्लत होगी इसलिए हम सब को मिलकर पानी की बर्बादी रोकनी चाहिए।
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