नई दिल्ली: देश के एक बड़े यूनिवर्सिटी कैंपस में आधी रात एक बार फिर हंगामा बरपा है। ये बवाल एक स्टूडेंट के सुसाइड के बाद हुआ है। छात्रों ने हॉस्टल के कमरे में आग लगा दी और जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। आरोप है कि 21 साल की मोनिका ने प्रोफेसर की बेइज्जी से दुखी होकर खुदकुशी कर ली। छात्रा रागामोनिका चेन्नई की सत्यभामा यूनिर्विसिटी में पढ़ती थी। उसने बुधवार रात उसने हॉस्टल के कमरे में ही सुसाइड कर लिया जिसके बाद नाराज़ छात्रों ने सत्यभामा यूनिर्वसिटी कैंपस में आग लगा दी।
21 साल की रागामोनिका फर्स्ट ईयर की छात्रा थी और चेन्नई के सत्यभामा यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की स्टूडेंट थी। प्रोफेसर ने मोनिका को केमिस्ट्री की परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़ा था जिसके बाद उसको परीक्षा देने से रोक दिया गया और उसके परिवार वालों को खबर दी गई। इसके बाद रागामोनिका सीधे हॉस्टल के अपने कमरे में पहुंची और भाई राकेश को एसएमएस किया। राकेश रागामोनिका के साथ उसी परीक्षा हॉल में पेपर लिख रहा था। पेपर खत्म करने के बाद जैसे ही राकेश ने एसएमएस देखा वो रागामोनिका के कमरे की ओर भागा लेकिन तबतक रागामोनिका अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर चुकी थी।
छात्रों का आरोप है कि बेइज्जती से परेशान होकर रागामोनिका ने सुसाइड कर लिया। रागामोनिका की सुसाइड की खबर जैसे ही स्टूडेंट्स को मिली, बड़ी तादाद में छात्र कैंपस में इकट्ठा हो गए। नाराज स्टूडेंट्स ने पहले तो फर्स्ट ईयर हॉस्टल में तोड़फोड़ की फिर वहां आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए बड़ी तादाद में पुलिस के जवान आधी रात कैंपस में दाखिल हुए। घंटों की मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया जा सका।
यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने अनुसार छात्रा 10x12 पेपर से कॉपी कर रही थी। आम तौर पर परीक्षा में इस तरह की गड़बड़ियां सामने आने के बाद स्टूडेंट को एक परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाता है और उसके परिवार को इसकी जानकारी दे दी जाती है। उनका कहना है कि भोजन के वक्त तक कैंपस के अंदर अशांति का वातावरण नहीं था। स्टूडेंट्स ने बिना किसी परेशानी के मेस में खाना खाया और शाम के स्नैक्स भी लिए। यह स्पष्ट नहीं है कि कैंपस में तोड़-फोड़ और आगजनी का रागामोनिका की आत्महत्या से कोई संबंध है या नहीं। उन्होंने कहा कि बदले माहौल के मद्देनजर गुरुवार तक छुट्टी का ऐलान किया जाएगा।
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