पश्चिम बंगाल में बंद के दौरान हिंसा, आगजनी ; कोलकाता में 90 लोग गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल में बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 24 घंटे की हडताल के दौरान हिंसा और आगजनी की कई घटनाएं हुईं। बंद कराने के लिए प्रदर्शनकारियों ने सड़क और रेल मार्ग को अवरूद्ध कर दिया।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 24 घंटे की हडताल के दौरान हिंसा और आगजनी की कई घटनाएं हुईं। बंद कराने के लिए प्रदर्शनकारियों ने सड़क और रेल मार्ग को अवरूद्ध कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने मालदा जिले के सूजापुर इलाके में प्रमुख सड़क को अवरूद्ध कर दिया, टायरों को जलाया, सरकारी बसों में तोड़फोड़ की और पुलिस की एक वैन समेत कई वाहनों को आग लगा दी। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव किया और देसी बम फेंके। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े और रबड़ की गोलियां दागी। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बाधित किया, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
वामदलों और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जिनका राज्य में कोई राजनीतिक अस्तित्व नहीं है, वह हड़ताल की “सस्ती राजनीति” कर राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों, सीएए और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में बुलाए गए बंद के मकसद का समर्थन करती हैं लेकिन उनकी पार्टी और सरकार किसी भी प्रकार के बंद के विरोध में हैं। माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की एक दिन की हड़ताल के दौरान तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं तथा पुलिसकर्मियों को हिंसा के लिए उकसाया। सलीम ने इन दावों को भी खारिज कर दिया कि मालदा जिले में आगजनी में वामपंथी कार्यकर्ता और कांग्रेस के लोग शामिल थे। मालदा के पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया ने कहा कि जिला पुलिस को वीडियो क्लिप्स मिले हैं और छानबीन चल रही है। मालदा के अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं। पूर्वी बर्दवान जिले में विभिन्न स्थानों पर जलते हुए टायर डाले गए और सड़कें बाधित की गई। रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध किया गया जिससे रेल यातायात बाधित हुआ।
पूर्वी मिदनापुर जिले में बसों पर पथराव किया गया । पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई और इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। कूचबिहार जिले में भी प्रदर्शनकारियों ने कई बसों में तोड़फोड़ की। बंद समर्थकों ने कोलकाता के सेंट्रल एवेन्यू इलाके में पुलिस के अवरोधक हटाने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि दमदम तथा लेक टाउन इलाकों में वाम समर्थकों और तृणमूल समर्थकों में झड़प हुई। हालात पर काबू पाने के लिए भारी पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया। बंद समर्थकों ने यादवपुर में रेलवे की पटरियों को अवरुद्ध किया और नजदीक की सड़कों पर भी वाहनों की आवाजाही रोक दी। इसके बाद पुलिस को वहां लाठीचार्ज करना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि माकपा के विधायक दल के नेता सुजान चक्रवर्ती को हिंसा भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया। कोलकाता में सरकारी बसें सामान्य तौर पर चली लेकिन निजी बसों की संख्या कम ही नजर आयी। मेट्रो सेवा सामान्य रही।
यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के सदस्य भी प्रदर्शन में शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी 24 परगना जिले के बारासात इलाके में सड़कों पर देसी बम मिले। जिले में कुछ स्थानों पर रेलवे की पटरियों पर भी देसी बम मिले। प्रदर्शनकारियों ने बराकपुर और सोडेपुर समेत जिले के औद्योगिक हिस्से में रैलियां निकालीं और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध किया। टॉलीगंज, बेहाला, एस्प्लांडे और यादवपुर समेत शहर के कई इलाकों में भारी पुलिस तैनाती देखी गई है। कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वाहनों को रोकने, सरकारी बसों को जबरन रोकने, दुकानों को बंद कराने के आरोप में शाम सात बजे तक शहर के विभिन्न हिस्सों से 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विमान सेवा सामान्य रही। हालांकि सियालदह, हावड़ा और खड़गपुर सेक्शन पर रेल सेवाएं बाधित हुई।
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्य के लोगों ने हड़ताल और बंद की संस्कृति को नकार दिया। हालांकि, सीटू के वरिष्ठ नेता श्यामल चक्रवर्ती ने बंद को पूरी तरह सफल बताया । देश के प्रमुख श्रमिक संगठनों इंटक, सीटू, सेवा, एआईटीयूसी, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। राज्य के सरकारी कार्यालयों में 95 फीसदी कर्मचारी उपस्थित रहे। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के मुताबिक 21,000 करोड़ रूपये के 28 लाख चेक भुनाने के लिए नहीं भेजे जा सके। राज्य में कई बैंकों की शाखाएं और एटीएम बंद रहे। रिजर्व बैंक के कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए। राज्य में जूट मिलें भी बंद रहीं।