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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत का एक गांव जहां आतंकवादियों की लाश को लोग खिलाया देते हैं कुत्तों को

भारत का एक गांव जहां आतंकवादियों की लाश को लोग खिलाया देते हैं कुत्तों को

इस गांव की एक कहानी ये भी है कि यहां पर मूसा नाम का एक आतंकवादी रहता था जो पूरे गांव में अपना डर फैला रहा था और लोगों को मार भी देता था। एक बार गांव वालों और मूसा के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें गांव वालों नें मूसा को मार गिराया।

Village in Kashmir where terrorists are left to be eaten by dogs- India TV Hindi भारत का एक गांव जहां आतंकवादियों की लाश को लोग खिलाया देते हैं कुत्तों को  

नई दिल्ली: आतंकवाद की जब बात होती है तो रोंगटे खड़े हो जाते है और सवाल उठने लगते हैं कि आखिर क्यों ये लोग मौत के सौदागर बने रहते है। कई ऐसे देश हैं जो आतंकियों के साए में डर के जीते हैं। इन देशों में एक देश भारत भी है जहां आतंकवाद कई बार इस तरह से पूरे देश को दहला चुका है कि हर कोई सहम जाता है। जहां अतंकवाद के खिलाफ सभी देश की सरकार और सेना ही काम करती है, वहीं भारत में एक ऐसा गांव भी है जहां के लोग आतंकियों को पकड़कर कुत्तों को खिलाना शुरु कर दिया है।

यह गांव भारत के कश्मीर में स्थित है। कश्मीर के काका हिल गांव के ग्रामीणों ने आतंकवादियों से निपटने के लिए ऐसे कदम उठाने शुरु कर दिए हैं। बता दें कि इस गांव के लोग लगातार आतंकियों की घुसपैठ से परेशान हो चुके थे। आतंकवादियों नें इन लोगो का जीना हराम कर दिया था। इस कारण गांव वालों नें सबकुछ छोड़कर इनसे लड़ने का मन बना लिया। गांव वालों ने अपना और अपने साथियों के दिमाग से आतंकियों का डर निकाल फेंका।

इस गांव की एक कहानी ये भी है कि यहां पर मूसा नाम का एक आतंकवादी रहता था जो पूरे गांव में अपना डर फैला रहा था और लोगों को मार भी देता था। एक बार गांव वालों और मूसा के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें गांव वालों नें मूसा को मार गिराया। इस आतंकवादी के मरने के बाद लोगों ने उसको अपने गांव की कब्रिस्तान में दफनाने से मना कर दिया और उसकी लाश को कुत्तों के हवाले कर दिया।

इस गांव के लोगों का कहना है कि साल 2003 में आतंकियों ने नवजवानों को जिहाद के नाम पर आतंकी बनने को कहा और जब उन्होंने मना किया तो उन लोगों नें लाखों रुपए देने का वादा भी किया लेकिन गांव वालों ने ऐसा करने से मना कर दिया। तंग आकर यहां के गुज्जर समुदाय के लोगो ने जम्मू पीस मिशन के नाम पर एक ग्रुप तैयार किया और आतंकियों के खिलाफ लड़ना शुरु किया। इसके बाद वहां पर जितने भी आतंकियों नें डेरा बना कर रखा था सबको वहां से भागना पड़ा।

कश्मीर का ये गांव पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है। यही कारण है कि छिपकर आतंकियों को यहां से निकलने में आसानी होती थी। जिस कारण वो लोग इसको अपना निशाना बनाते थे।

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