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Hindi News भारत राष्ट्रीय Vikas Dubey Encounter: सेल्फी प्वाइंट बना कथित मुठभेड़ स्थल

Vikas Dubey Encounter: सेल्फी प्वाइंट बना कथित मुठभेड़ स्थल

वारदात के बाद वह घटनास्थल लोगों के कौतूहल का विषय बन गया है। उधर से गुजरने वाला हर शख्स यह जानने के लिए उत्सुक है कि किस जगह पर मुठभेड़ हुई और यह अंदाजा लगाने की कोशिश में है कि दुबे को कैसे मारा गया होगा। 

Vikas Dubey Encounter- India TV Hindi Image Source : PTI Vikas Dubey Encounter

कानपुर. कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की शुक्रवार को कथित मुठभेड़ में मौत के बाद यह घटनास्थल लोगों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गया है। दुबे शुक्रवार सुबह उज्जैन से कानपुर ले जाते वक्त रास्ते में भौती क्षेत्र में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया।

एसटीएफ के मुताबिक, दुबे को ले जा रहा वाहन भौती क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुबे ने मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की। एसटीएफ ने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा लेकिन उसने एसटीएफ के जवानों पर एक जवान से छीनी गई पिस्टल से गोली चलाई। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।

वारदात के बाद वह घटनास्थल लोगों के कौतूहल का विषय बन गया है। उधर से गुजरने वाला हर शख्स यह जानने के लिए उत्सुक है कि किस जगह पर मुठभेड़ हुई और यह अंदाजा लगाने की कोशिश में है कि दुबे को कैसे मारा गया होगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि वह घटनास्थल सेल्फी प्वाइंट बन गया है। गुजरने वाला हर व्यक्ति मौका-ए-वारदात की तस्वीर को अपने मोबाइल फोन में कैद करने की कोशिश में है।

लोगों की भीड़ की वजह से भौती इलाके में उस जगह पर जाम की स्थिति बन रही है। ट्रक चालक और निजी वाहन से गुजर रहे लोग यह पूछते हुए दिख रहे हैं "क्या हुआ भैया यहां पर बहुत भीड़ है।"

जिस जगह दुबे मारा गया, उसके दूसरी तरफ एक आटा मिल है। वहां काम करने वाले राहुल सिंह ने बताया, "हमें गोली चलने की कोई आवाज नहीं सुनाई दी, क्योंकि हम फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे थे, जहां मशीनें चलने की वजह से पहले ही काफी शोर था।"

उसने बताया कि उसकी ड्यूटी सुबह सात बजे शुरू होती है और चूंकि सुबह छह बजे से काफी तेज बारिश हो रही थी, इस वजह से उसे घटना के बारे में देर से पता चला। मेरे एक वरिष्ठ साथी ने जब बताया तो मुझे पता चला कि सड़क के दूसरी ओर किसी को गोली मारी गई है।

घटनास्थल के आसपास रहने वाले लोग भी मुठभेड़़ के बारे में कुछ भी बताने से बच रहे हैं। वे बस इतना कह रहे हैं कि जब पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई तो वह भी अन्य लोगों की तरह बाहर निकले थे। आटा मिल में राहुल के साथ काम करने वाले अरुण कुमार ने भी कहा कि चूंकि फैक्ट्री के अंदर मशीनें चलने से काफी शोर हो रहा था, इसलिए उन्हें कुछ और नहीं सुनाई दिया और बारिश होने के कारण वह कुछ देख भी नहीं सके।

विकास दुबे गत दो-तीन जुलाई की रात कानपुर के बिकरु गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी था। उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उसे बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश स्थित उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ उसे वहां से कानपुर ला रही थी। रास्ते में वह कथित मुठभेड़ में मारा गया। 

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