विजय माल्या के प्रत्यर्पण में अभी भी कानूनी अड़चनें, भारत आने में लग सकता है समय: ब्रिटिश उच्चायोग
भारत में ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने बताया कि ब्रिटिश कानून के तहत प्रत्यर्पण तब तक नहीं हो सकता है जब तक सभी कानूनी मुद्दों को सुलझा न लिया जाएगा।
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के ब्रिटेन द्वारा प्रत्यर्पण की खबरों के बीच ब्रिटिश उच्चायोग ने साथ कर दिया है कि फिलहाल माल्या के भारत आने में समय लग सकता है। भारत में ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने बताया कि ब्रिटिश कानून के तहत प्रत्यर्पण तब तक नहीं हो सकता है जब तक सभी कानूनी मुद्दों को सुलझा न लिया जाएगा। यह मुद्दा काफी गोपनीय है, इसलिए फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। हम अभी नहीं बता सकते कि इसमें कितना समय लगेगा। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह मसला जल्द सुलझ जाए। बता दें कि बंद पड़े किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या पर देश के 17 बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है। वह 2 मार्च, 2016 को भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था।
बता दें कि कल कई मीडिया रपटों में सामने आया था कि ब्रिटेन ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित कर दिया है और वह बुधवार रात भारत आ सकता है। हालांकि विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इंडिया टीवी को बताया कि फिलहाल भारत को इसकी कोई सूचना नहीं है। विजय माल्या की अपील को पिछले महीने ब्रिटेन की अदालत ने ठुकरा दिया था। इसके साथ ही यूके के सर्वोच्च न्यायालय ने अपील को दोबारा सुनने से भी इंकार कर दिया था। हालांकि माल्या के प्रत्यर्पण से पहले कानूनी अड़चने दूर करनी होंगी।
भारतीय एजेंसियों ने यूके की कोर्ट से माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की और लंबी लड़ाई के बाद यूके की अदालत ने 14 मई को माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अपील पर मुहर लगा दी। ब्रिटेन की अदालत के फैसले के 20 दिन गुजर चुके हैं और उसके भारत प्रत्यर्पण की सारी कानूनी प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। इसके बाद कुछ मीडिया रपटों में सामने आया था कि ब्रिटेन विजय माल्या को आज भारत भेज रहा है। विजय माल्या बुधवार रात यूके से भारत आ सकता है।
पूर्व सांसद रहे माल्या ने भारत की सबसे बड़ी स्पिरिट कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स की स्थापना की, और अब दीवालिया हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर फंडिंग की थी। उन पर 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। वह निजी कारणों का बहाना बनाकर मार्च 2016 में भारत छोड़ कर चले गए थे। माल्या ने कम से कम 17 भारतीय बैंकों को धोखा दिया है, जो कि ऋण लेकर कथित रूप से विदेश में लगभग 40 कंपनियों में पूर्ण या आंशिक हिस्सेदारी हासिल की।