काली कमाई का कुबेर: इस इंजीनियर की संपत्ति जान हैरान रह जाएंगे....
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने राज्य में अब तक के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी अधिकारी का पर्दाफाश किया है।
पटना: विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने राज्य में अब तक के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी अधिकारी का पर्दाफाश किया है। आय से ज्यादा संपत्ति मामले में फंसे डिस्ट्रिक्ट अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी डूडा के असिस्टेंट इंजीनियर कामेश्वर प्रसाद सिंह के बैंक लॉकर खुले तो सोने की ईंट, हीरे जड़े गहने और नोटों के बंडल मिले। असिस्टेंट इंजीनियर ने पांच-पांच सौ और हजार-हजार के नोटों के बंडलों को बैंक के लॉकरों में ठूंस रखा था।
शुरूआती आंकड़ों के मुताबिक कुल 1 करोड़ 38 लाख रुपए सिर्फ लॉकर में छिपा कर रखे गए थे। सोने के जेवर और एक-एक किलो की सोने की ईंट तक लॉकर्स में छुपाकर रखे गए थे। कामेश्वर प्रसाद के लॉकर्स में से 1 करोड़ 39 लाख रुपए के जेवरात भी मिले हैं। इसके अलावा इनकी कुल 2 करोड़ 71 लाख रुपये की संपत्ति का खुलासा भी स्पेशल विजलेंस यूनिट ने किया है।
खबरों के मुताबिक एसवीयू की छापेमारी में कामेश्वर सिंह की पत्नी मंजू सिंह के लॉकर से 43.25 लाख रुपए कैश और 32.62 लाख रुपए के जेवर, बेटे अभिषेक आनंद के लॉकर से 16.11 लाख कैश और 6.22 लाख के सोने के जेवर मिले हैं। कामेश्वर सिंह का बेटा अभिषेक आईआरएस अधिकारी है और अभी मुंबई में सेंट्रल एक्साइज में तैनात है। बेटी एकता प्रियदर्शिनी के लॉकर से 78.86 लाख रुपए कैश और एक-एक किलो की सोने की दो ईंट भी बरामद की गईं। सोने की दोनों ईंट की कीमत 61.80 लाख रुपए बताई जा रही है। ईंट पर UAE की मुहर लगी है। इसके अलावा बहू निधि सिंह के लॉकर से 33.65 लाख रुपए के जेवर बरामद किए गए हैं।
कामेश्वर सिंह के एक बैंक लॉकर से 1 करोड़ 38 लाख 22 हजार 500 रुपये कैश बरामद किए गए हैं। वहीं राजीव नगर रोड के घर से 6 लाख 62 हजार 340 रुपए कैश बरामद किए गए। इसके अलावा कामेश्वर सिंह की कुल 2 करोड़ 71 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति का पता स्पेशल विजिलेंस यूनिट को लगा है।
इनके खिलाफ चल रही जांच में पटना के राजीव नगर के रोड नंबर-14 में तीन कठ्ठे में बना आलीशान मकान, पटना के किदवईपुरी में एक फ्लैट और गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित नीतिखंड में फ्लैट के कागजात भी बरामद हुए हैं।
एसवीयू की टीम ने कामेश्वर सिंह की शिक्षिका पत्नी के सारण जिले के एकमा स्थित कोहरगढ़ गांव में आइटीआइ का भी पर्दाफाश किया है। एसवीयू के आइजी रत्न संजय ने बताया कि अभी जांच जारी है और इसमें अभी और संपत्ति का पर्दाफाश हो सकता है।
बिहार में एसवीयू के गठन के बाद पिछले 10 साल के इतिहास में यह सबसे बड़ा मामला है। इतनी संपत्ति अब तक किसी भी राजपत्रित अधिकारी के पास नहीं मिली थी।