नई दिल्ली: मुंबई में एसआरए यानी स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी के प्रोजेक्ट में बड़े स्तर के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। संदीप येवले नाम के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने गरीबों के पुनर्वास के नाम पर हो रहे काम में भ्रष्टाचार के बड़े खेल का पर्दाफाश करने का दावा किया है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया है कि एसआरए प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए प्रोजेक्ट में लगे बिल्डर का स्टिंग किया है और खुफिया कैमरे में बिल्डर को 40 लाख रुपए की रिश्वत देते कैद किया है। ये भी पढ़ें: भारत और चीन में बढ़ी तल्खियां, जानिए किसके पास है कितनी ताकत
संदीप येवले ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेबल पर नोटों की गडि्डयां बिछाते हुए कहा कि, ‘ये 40 लाख रुपए हैं। मुंबई के एक बिल्डर से रिश्वत में मिले एक करोड़ रुपए में से बचे हैं।' महाराष्ट्र मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता संदीप ने कहा कि मुंबई के पूर्वी उपनगर के विक्रोली इलाके में स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) की योजना में हुआ घोटाला उजागर नहीं करने के लिए ‘वोट पार्टी’ देने के लिए मशहूर एक बिल्डर ने उसे 11 करोड़ रुपए रिश्वत की पेशकश की थी। इसमें से पहली किश्त के रूप में 29 मई को 60 लाख रुपए जबकि दूसरी किश्त के रूप में 21 जून को 40 लाख रुपए दिए गए।
संदीप को ये रिश्वत ओमकार बिल्डर की तरफ से दी गई। संदीप ने रिश्वत देने का वीडियो बना लिया। ये वीडियो 31 मई का है जब ओमकार बिल्डर के दो कर्मचारी संदीप के घर आए और उन्होंने उसे 40 लाख रुपए की रिश्वत दी। संदीप का आरोप है कि बिल्डर से एसआरए प्रोजेक्ट के लिए हनुमान नगर के लोगों में सर्वसम्मति बनाने और प्रोजेक्ट में आरटीआई ना डालने का सौदा 11 करोड़ रुपए में तय हुआ था जिसमें से उन्हें एक करोड़ रुपए बतौर पहली किश्त दी गई।
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