VIDEO: किसानों ने पुलिसकर्मियों पर की ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश, जानिए फिर क्या हुआ
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के सितारगंज कस्बे में कुछ आंदोलनकारियों ने पुलिस पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई।
नई दिल्ली। उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश से किसान आंदोलन की ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जिन्हें देखकर यकीन ही नहीं होता कि कोई किसान ऐसी हरकत कर सकता है। इन तस्वीरों और वीडियो को देखकर आप भी कहेंगे कि किसान ऐसा कभी नहीं कर सकते। क्या किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। दरअसल, आज जिस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को कृषि कानूनों के बारे में समझा रहे थे और देशभर के किसानों से बात कर रहे थे और किसानों के आंदोलन में हिसा की आंशंका जता रहे थे ठीक उसी वक्त इसके सबूत भी मिल गए।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के सितारगंज कस्बे में कुछ आंदोलनकारियों ने पुलिस पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच शुक्रवार को उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में भिड़ंत हो गई। यहां प्रदर्शनकारी किसानों को जब पुलिस ने बैरिकेड लगाकर दिल्ली जाने से रोका तो किसानों ने बैरिकेड के जरिए किसानों को रोकरही पुलिस के ऊपर ही ट्रैक्टर चढ़ा दिया।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकरी किसानों की बड़ी भीड़ को जब पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो कुछ प्रदर्शनकारी हरे रंग का एक ट्रैक्टर से बैरिकेड पर धावा बोलते हैं, उसे गिरा देते हैं और पुलिस को मजबूरन इस ट्रैक्टर के रास्ते से हटना पड़ता है। दरअसल, किसानों का एक ग्रुप दिल्ली जाने के लिए निकला था, रास्ते में पुलिस वालों ने रोक दिया। पहले बैरिकेड लगाए लेकिन इसके बावजूद भी जब किसान नहीं माने तो पुलिस वालों ने हाथ जोड़े, फिर भी बात नहीं बनी तो किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कुछ पुलिसवाले ट्रैक्टर के सामने खड़े हो गए लेकिन फिर भी किसान नहीं रूके। एक सब इंस्पेक्टर ट्रैक्टर के बिल्कुल सामने था लेकिन किसान ने ट्रैक्टर नहीं रोका। ट्रैक्टर पर बैठे शख्स ने पुलिसवाले को रौंदने की कोशिश की, वो ट्रैक्टर को इसी तरह आगे बढ़ाता रहा। बड़ी मुश्किल से दूसरे पुलिस वालों ने दौड़कर ट्रैक्टर के सामने खड़े पुलिस कर्मी की जान बचाई लेकिन इस हादसे में सब इंस्पेक्टर के पैर में गंभीर चोट लगी है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से राजधानी की सीमाओं पर हजारों किसान डटे हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं वहीं सरकार गतिरोध खत्म करने के लिए नए सिरे से बातचीत करने की पेशकश कर रही है।