नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर 14 अप्रैल तक लागू देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद भी देश के लिए स्वास्थ्य चिंताओं को सर्वोपरि बताते हुए देशवासियों से लॉकडाउन के भविष्य को लेकर सरकार के फैसले का साथ देने की अपील की है। नायडू ने मंगलवार को लॉकडाउन के दो सप्ताह पूरे होने पर बंदी को कारगर पहल बताते हुसे देशवासियों से आग्रह कर कहा कि यदि 14 अप्रैल के बाद भी, सरकार जो भी निर्णय ले जिससे कुछ कठिनाई हो, तो भी सरकार के निर्णयों को अपना समर्थन देते रहें।
उपराष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान में नायडू ने उम्मीद जताई है कि बंदी के बाद भी जन स्वास्थ्य को आर्थिक स्थिरता की तुलना में प्राथमिकता दी जाएगी। नायडू ने कोरोना के संक्रमण को रोकने की दिशा में लॉकडाउन के दौरान अब तक के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि तीसरा सप्ताह, लॉकडाउन के बारे में सरकार द्वारा निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
आगामी 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को खोलने के विषय में प्रधानमंत्री तथा राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुए विचार-विमर्श का ज़िक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने लोगों से आग्रह किया कि लॉकडाउन के भविष्य को लेकर सरकार जो भी फैसला करे, जिससे अगर कुछ कठिनाई भी हो, तब भी वे सरकार के निर्णयों को अपना समर्थन देते रहें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र और सरकारें आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी तथा दुर्बल वर्गों को पर्याप्त राहत और सहायता पहुंचाई जाएगी।
दिल्ली में तबलीगी जमात की घटना के कोरोना के खिलाफ अभियान पर पड़े प्रभाव के बारे में नायडू ने कहा कि यह घटना एक अपवाद थी, जिससे दूसरों को भी सबक लेना चाहिए।
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