नई दिल्ली: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच शुरू होने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने अब महाराष्ट्र में चार महीने पहले हुई दो साधुओं सहित तीन लोगों की हत्या की भी सीबीआई जांच की मांग की है। विहिप ने कहा है कि जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की केंद्रीय एजेंसी से जांच हो सकती है तो फिर पालघर मॉब लिंचिंग की जांच क्यों नहीं?
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, "महाराष्ट्र के पालघर में एक सुनियोजित साजिश के तहत दो साधुओं और वाहन चालक की हत्या हुई थी। जिस जगह हत्या हुई, वहां ईसाई मिशनरियां सक्रिय हैं। उनके इशारे पर निर्दोष साधुओं की हत्या हुई। महाराष्ट्र पुलिस ने भले ही इस मामले में गिरफ्तारियां कीं, लेकिन हत्या की साजिश रचने वाले असली दोषियों का पदार्फाश होना जरूरी है। यह तभी होगा, जब सीबीआई जांच करेगी।"
वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मुंबई पुलिस को अक्षम साबित कर दिया है। एबीएपी ने मांग की है कि 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं के साथ हुई भीड़ हिंसा की जांच भी सीबीआई से कराई जाए।
परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने कहा, एबीएपी 26 अगस्त को हरिद्वार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने जा रहा है जिसमें अगले साल कुंभ की तैयारियों पर चर्चा करने के अलावा पालघर में हुई हत्याओं की सीबीआई जांच के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो अखाड़ा परिषद द्वारा कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
बता दें कि 16-17 अप्रैल की रात महाराष्ट्र के पालघर स्थित आदिवासी गांव गड़चिनचले गांव में दो साधुओं पर अराजक भीड़ ने हमला कर दिया था। हमला उस समय हुआ, जब दोनों साधु एक कार से गांव से गुजर रहे थे। पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों ने पीट-पीटकर दोनों साधुओं और कार चालक को मार डाला था।
घटना के बाद पुलिस का कहना था कि इलाके में चोर आने की अफवाह फैलने पर ग्रामीणों ने साधुओं पर हमला बोला था। इस मामले में उस समय पुलिस ने करीब सौ लोगों को गिरफ्तार किया था। विहिप का कहना है कि महाराष्ट्र पुलिस असली दोषियों को बचा रही है।
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