अयोध्या में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से मुकदमा लड़ रहे वकीलों ने रामलला को फैसले की कॉपी सौंपी है। रामलला की तरफ से अयोध्या के कमीशनर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी दी गई है। अयोध्या भूमि विवाद पर फ़ैसला आने के बाद विश्व हिंदू परिषद पहली बार इस मामले को लेकर एक सार्वजनिक आयोजन अयोध्या में कर रहा है। अयोध्या के कारसेवकपरम में विश्व हिंदू परिषद सुप्रीम कोर्ट में हिंदुओं का पक्ष रखने वाले वकीलों को सम्मानित किया है।
सम्मानिक किए जाने वाले लोगों के नाम-
- के पाराशरन
- वैधनाथन
- जस्टिस कमलेश्वरनाथ
- विक्रम बनर्जी जिन्होंने 2007 से हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ा।
- भरत कुमार, अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री।
- पी वी योगेश्वरन
- मदन मोहन पांडेय,1991 से मुकदमा लड़ रहे है।
इसके अलावा परासरण और दूसरे वकीलों के परिवार वालो का भी सम्मान किया जाएगा। इस कार्यक्रम से पहले मामले से जुड़े कई वकील रामलला का दर्शन करने अयोध्या पहुंचे। वरिष्ठ वक़ील परासरण और साथ ही मामले से जुड़े अन्य वक़ील अपने परिजनों के साथ अयोध्या आये। वकीलों के अलावा साध्वी ऋतंभरा ने भी रामलला का दर्शन किया।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि राम मंदिर का फैसला अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि फैसला मन को हर्षित करने वाला है और इसी के साथ हम लोगों की तपस्या पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि रामजी को उनका राज मिला और अब भव्य मंदिर का निर्माण होगा। ऋतंभरा ने ट्रस्ट निर्माण को लेकर कहा कि बड़े-बड़े लोग बैठे हैं वह तय करेंगे। ट्रस्ट में खुद के शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं तो रामलला की गिलहरी की तरह हूँ, मुझे कोई शौक नहीं है और न मेरी कोई लालसा नहीं।
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