नयी दिल्ली। अवैध या काम नहीं कर रहे फास्टैग वाले वाहनों के प्रतिबद्ध फास्टैग लेन में घुसने पर दोगुना टोल वसूला जाएगा। सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे पहले राष्ट्रीय राजमार्गों पर केवल उन्हीं वाहनों से दोगुना टोल टैक्स शुल्क वसूला जाता था जो बिना फास्टैग लगाए टोल बूथ पर फास्टैग प्रतिबद्ध लेन में प्रवेश करते थे।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘ बिना फास्टैग या काम नहीं कर रहे या अवैध फास्टैग वाले वाहनों के प्रतिबद्ध फास्टैग लेन में घुसने पर दोगुना शुल्क वसूला जाएगा। उन्हें उनकी वाहन श्रेणी पर लगने वाले शुल्क का दोगुना चुकाना होगा।’’ सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर का वर्गीकरण और संग्रह) नियम में संशोधन किया है। सरकार ने देशभर में 15 दिसंबर 2019 से फास्टैग अनिवार्य कर दिया है। मई 2020 तक कुल 1.68 करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके हैं।
मंत्रालय के अनुसार ऐसे ढेरों मामले देखे गए कि कार या अन्य मोटर वाहन पर फास्टैग लगा है, लेकिन उसमें पर्याप्त राशि का रिचार्ज नहीं है। ऐसे वाहन फास्टैग वाले लेन में घुसते हैं और टोल पर रुककर नकद में शुल्क चुकाते हैं। ऐसे में बेवजह देरी होती है और फास्टैग लेन में भी लंबी लाइन लग जाती है। कुछ मामले ऐसे सामने आए जिसमें फास्टैग खराब हो गए हैं या उसे मोड़ दिया गया है, इससे उसका सर्किट ब्रेक हो गया है। ऐसे फास्टैग ठीक से काम नहीं करते। यदि किसी वाहन में ऐसा पाया जाता है तो भी दोगुना जुर्माना देना होगा।
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