नई दिल्ली: बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केवल बंदूक से आतंकवाद की समस्या का समाधान नहीं हो सकता, हमें रणनीतिक और वैचारिक स्तर पर भी कुशलता से इसका हल सोचना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गोली चलाने वालों और पत्थर मारने वालों के खिलाफ दो आवाज नहीं होनी चाहिए। वे आंतकवाद के खिलाफ इंडिया टीवी के कॉन्क्लेव 'वंदे मातरम्' में बोल रहे थे।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'आतंकवाद और सेना पर हुए आक्रमण पर दो मत नहीं होना चाहिए। भारत के टुकड़े और भारत की बर्बादी नारे का समर्थन करने दो बड़े राजनीतिक दल यूनिवर्सिटी जाते हैं, तो फिर यहां उनकी हौसलाअफजाई होगी।' उन्होंने कहा कि कई बड़ी पार्टी के नेताओं ने अफजल गुरू और मशरत आलम के पक्ष में बयान दिए हैं। भारत में आतंकवाद की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि देश में आतंकवाद सबसे ज्यादा 80 के दशक में फैला जब कांग्रेस की सरकार थी। इस दौरान पंजाब, कश्मीर, LTTE और पूर्वोत्तर का आतंकवाद तेजी से फैला।
आतंकवाद के मुद्दे पर मौजूदा सरकार के कदमों की तारीफ करते हुए उन्होने कहा कि पहली बार कश्मीर में कार्रवाई हो रही है, हुर्रियत के नेता जो अपने को भारत की व्यवस्था का दामाद समझते थे उनको पाकिस्तान से बात नहीं करने दी हमने, ED की कार्रवाई हुई और सीबीआई के छापे पड़े इसी सरकार के दौरान पड़े।
वहीं इस बहस में शामिल AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'ओवैसी जी ने आईबी की एकाउंटिबिलिटी की बात की, ये बिल्कुल होनी चाहिए पर जिस दिन भारत के नेतृत्व में सभी राजनीतिक दल ये मैच्योरिटी भी दिखाएं की किसी दल का नेता सेनाध्यक्ष को सड़कछाप गुंडा न कहे और किसी राजनीतिक दल का नेता ये ना कहे कि पुलिस हटा ली जाए तो मैं दिखा दूंगा'
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