नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते लागू कई देशों में लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच भारत सरकार दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के अभियान को तेज कर दिया है। पानी के रास्ते लोगों की वतन वापसी के लिए नौसेना ने ऑपरेशन समुद्र सेतु शुरू कर किया है तो वहीं हवाई रास्ते के लिए वंदे भारत मिशन शुरू किया गया है। वंदे भारत मिशन के दूसरे दिन यानी आज शुक्रवार (8 मई) को देश में 5 अलग-अलग देशों से एक-एक फ्लाइट आएंगी। बांग्लादेश से 167 लोग आएंगे। बाकी देशों से आने वाली फ्लाइट में कितने लोग आएंगे, यह साफ नहीं हो पाया है।
नेवी के जहाज से समुद्र के रास्ते भी विदेशों से भारतीयों को लाने के लिए ऑपरेशन समुद्र सेतु के तहत मालदीव से दो फेज में 2 हजार भारतीय निकाले जाएंगे। नेवी के जहाज आईएनएस जलाश्व के जरिए आज 1000 लोगों को निकाला जाएगा। हालांकि, ये पता नहीं चल पाया है कि ये जहाज भारत कब पहुंचेगा। भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व माले पहुंच गया है और INS जलश्वा पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यात्री जल्द ही जहाज पर सवार होंगे।
वहीं दूसरा युद्धपोत आईएनएस मगर भी माले के रास्ते मे है। सोशल डिस्टेंसिग और मेडिकल सुविधा की वजह से पहली खेप में नौसेना केवल 1000 लोगों को माले से लेकर आएगी, वैसे मालदीव में करीब 3500 भारतीय लोग फंसे हुए हैं।
वंदे भारत मिशन के तहत पहली फ्लाइट अबू धाबी से 177 भारतीयों को लेकर बीते गुरुवार रात 10 बजकर 9 मिनट पर कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची। 5 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया गया। दूसरी फ्लाइट दुबई से 182 यात्रियों को लेकर रात 10 बजकर 45 मिनट पर कोझिकोड पहुंची।
वंदे भारत मिशन के पहले फेज में 14 हजार 800 लोग भारत आएंगे
7 मई से शुरू किए गए इस मिशन का पहला फेज 13 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान 12 देशों से 64 विमानों में 14 हजार 800 लोगों को लाने की योजना है। हालांकि, इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं। लेकिन, 1990 के खाड़ी युद्ध के बाद ये सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन है। खाड़ी युद्ध के वक्त 1.70 भारतीय एयरलिफ्ट किए गए थे।
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