बिना बात के दुखी रहने वाले व्यक्ति से भी हमेशा दूर रहें-
आचार्य चाणक्य का मानना कि जो व्यक्ति बिना किसी बात के दुखी रहता है तो उससे भी लोगों को दर रहना चाहिए। चाणक्य का कहना था कि कुछ लोग भगवान द्वारा बहुत कुछ दिए जाने के बाद भी हमेशा विलाप करते रहते हैं अपना दुख प्रकट करते रहते हैं, तो ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।
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