नई दिल्ली: इराक के मोसुल में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा मारे गए भारतीय नागरिकों के शव लाने के लिए विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह रविवार को रवाना हो गए। सिंह ने रवाना होने से पहले कहा कि आईएस ने साल 2014 में मोसुल पर कब्जा करने के बाद 39 भारतीयों की हत्या कर दी थी। एक मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाने के कारण 38 भारतीय नागरिकों के शव भारत लाए जाएंगे।
सिंह शवों के साथ सोमवार देर रात भारत लौट सकते हैं। इसके बाद वह पंजाब के अमृतसर और बिहार के पटना जाकर मृतकों के परिजनों को शव सौंपेंगे। मारे गए 39 लोगों में 27 पंजाब से और चार बिहार से थे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को संसद को सूचित किया था कि इराक में मजदूरी का काम कर रहे जिन 39 भारतीयों का 2014 में मोसुल से अपहरण हो गया था, उनकी हत्या हो गई है।
इससे पहले इराक से बच निकले हरजीत मसीह ने दावा किया था कि आईएस ने 39 भारतीयों की गोली मारकर हत्या कर दी है। इसके जबाव में विदेश मंत्री ने कहा था कि जब तक इस संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता, वे किसी की मृत्यु की पुष्टि नहीं कर सकतीं।
मंत्री ने कहा था कि लापता 39 भारतीय नागरिकों में से 38 के डीएनए नमूनों के आधार पर उनकी शिनाख्त हुई थी। 39वें व्यक्ति के परिजनों की मौत होने के बाद उनके एक रिश्तेदार ने अपना डीएनए नमूना भेजा था, फिलहाल उनकी शिनाख्त नहीं हुई है।
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