उत्तराखंड: अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी, पिथौरागढ़ में दो लोगों की मौत
उत्तराखंड में ज्यादातार स्थानों पर भारी वर्षा और कहीं—कहीं विशेषकर कुमाऊं क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर पूरे प्रदेश में सरकारी मशीनरी को अलर्ट कर दिया गया है।
देहरादून: उत्तराखंड में ज्यादातार स्थानों पर भारी वर्षा और कहीं—कहीं विशेषकर कुमाऊं क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर पूरे प्रदेश में सरकारी मशीनरी को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं, पिछले तीन दिन से पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में हो रही लगातार बारिश के चलते अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पिथौरागढ़ के मुनस्यारी क्षेत्र के मदकोट में कल भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के दौरान पत्थरों की चपेट में आकर खड्ड में गिर जाने से नारायणी देवी नामक महिला की मौत हो गयी तथा मुनस्यारी के ही हरकोट क्षेत्र में एक व्यक्ति किशन राम (35) गोनमुनी नदी में बह गया। एक अन्य व्यक्ति के घायल होने की भी खबर है।
पिथौरागढ़ जिले में वर्षा के कारण कई घरों में मलबा घुसने, सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के अलावा दो जल विद्युत परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचा है। पांच मेगावाट की हिमालय हाइड्रो प्राइवेट लिमिटेड आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई है जबकि यूजेवीएन लिमिटेड की निर्माणाधीन सुरनिगाड लघु जलविद्युत परियोजना को लगभग 2.51 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है।
इस बीच, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में उत्तराखंड के कई इलाकों विशेषकर कुमाऊं क्षेत्र में कहीं—कहीं अत्यधिक बारिश की संभावना व्यक्त की है जिसके मद्देनजर अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये गये हैं। कुमाऊं के पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत, उधमसिंह नगर जिलों में छिटपुट स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा तथा देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी वर्षा की चेतावनी व्यक्त की गयी है।
सचिव, आपदा प्रबंधन, अमित नेगी ने बताया कि भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति सामान्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 31 स्थानों पर राज्य आपदा मोचन बल :एसडीआरएफ: की टीमें तैनात कर दी गयी हैं और 15 सितम्बर तक फील्ड कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गयी है। नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव सहित विभिन्न स्तरों पर लगातार समीक्षा करते हुए सभी आवश्यक तैयारियां की गई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न मार्गों पर भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए आवश्यक संख्या में जेसीबी सहित अन्य उपकरणों की व्यवस्था की गई है, ताकि कहीं भी मार्ग बाधित होने पर उसे तुरंत खोला जा सके। नेगी ने कहा कि बारिश को देखते हुए फील्ड कर्मचारियों की 15 सितम्बर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी गयी है तथा आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि सेना, आईटीबीपी, बीआरओ व अन्य एजेंसियों के साथ भी समन्वय बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि कैलाश—मानसरोवर यात्रा में जाने वाले सभी यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं और प्रयास है कि किसी भी परिस्थिति में सूचना व संचार तंत्र बरकरार रहे। अधिकारी ने कहा कि उत्तराखण्ड उन राज्यों में से है जहां आपदा प्रबंधन के लिए सर्वाधिक संख्या में सैटेलाइट फोन उपयोग किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पास इस समय 74 सैटेलाइट फोन हैं जो जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दो हेलीकाप्टरों की व्यवस्था की जा रही है जिनमें से एक हेलीकाप्टर गढ़वाल के लिए व एक हेलीकाप्टर कुमाऊं के लिए होगा।