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Hindi News भारत राष्ट्रीय उत्तराखंड : सरोवरनगरी नैनीताल की लोअर माल रोड का एक हिस्सा झील में समाया

उत्तराखंड : सरोवरनगरी नैनीताल की लोअर माल रोड का एक हिस्सा झील में समाया

उत्तराखंड में सरोवरनगरी के नाम से मशहूर नैनीताल में आज शाम को झील के किनारे बनी प्रतिशिष्ठ लॉअर माल रोड का लगभग 25 मीटर हिस्सा टूट कर नैनी झील में समा गया।

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नई दिल्ली: उत्तराखंड में सरोवरनगरी के नाम से मशहूर नैनीताल में आज शाम को झील के किनारे बनी प्रतिशिष्ठ लॉअर माल रोड का लगभग 25 मीटर हिस्सा टूट कर नैनी झील में समा गया। यह नैनीताल की ऐतिहासिक रोड है,जिसका निर्माण ब्रिटिश काल में कराया गया था। वैसे तो इस रोड में काफी समय से धंसने से दरारे पड़ी हुई थी,लेकिन पर्यटकों के दबाव की वजह से इस रोड का ट्रैफिक रोका नहीं गया था। जिसके कारण इस रोड पर दरारें बढ़ती जा रहे थी। यही लापरवाही इसके टूटने का कारण बन गई। पर्यटकों से गुलज़ार रहने वाली इस लॉयर रोड को ठंडी सड़क के नाम से भी जाना जाता था। इस रोड का निर्माण ब्रिटिश काल में अंग्रेज़ो ने कराया था। ऐसा कहा जाता है कि अंगरेज़ ऊपर वाली सड़क प्रयोग करते थे और माल रोड की लॉयर रोड को इंडियन के इस्तेमाल लिये रखा जाता था। 

यह रोड काफी समय से यातायात के दबाव खिसक रही थी,प्रशासन द्वारा इन दिनों इसे ठीक कराने का काम चट्टी चढ़ा कर कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट कराया जा रहा था। यह ट्रीटमेंट बड़ी दरारों में वैज्ञानिक ढंग से उन्हें भरने में प्रयोग किया जाता है। इस रोड का कार्य चल ही रहा था कि अचानक शाम साढ़े पांच बजे के लगभग इस लॉयर रोड का लगभग 25 मीटर एरिया देखते ही देखते टूट कर नैनी झील में समा गया। अचानक हुए इस हादसे से पर्यटक भी सकते में आ गये। यह गनीमत रही कि काम की वजह से इस रोड पर ट्रैफिक रोक दिया गया था। झील में समाती रोड को लाइव देख कर स्थानीय और पर्यटकों की भीड़ जमा हो गई। प्रत्यक्षदर्शी का कहना थी कि यह अफसोसनाक है कि प्रशासन ने समय रहते इसे बचने के कोई ठोस उपाए नहीं किए।
   
हालांकि इस माल रोड पर ट्रैफिक रोकने की कई बार चेतावनी दी गई थी, किन्तु जिसकी अनदेखी कर दी गई। जिसका परिणाम माल रोड का मल्लीताल क्षेत्र के ग्रैंड होटल के सामने का हिस्सा भरभरा कर झील में समा गया। यह रोड पिछले काफी समय से धंस रही थी। लोक निर्माण विभाग इसपर चट्टी चढ़ाकर कार्य कर रहा था। नैनीताल हाई कोर्ट में भी इस रोड की हालत को लेकर मामला सामने आया था। जिसके बाद इस क्षेत्र का सर्वेक्षण आईआईटी रुड़की से कराया गया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि पूरा पहाड़ ही नीचे की तरफ धसक रहा है,जिससे झील के इस हिस्से पर प्रेशर पड़ रहा है। जो लगातार धस रहा है। इस रिपोर्ट के बाद लोक निर्माण विभाग ने इसके स्थाई निर्माण के लिये एक प्रोजेक्ट शासन को भेजा है,जिसपर अभी स्वीकृति नहीं मिली है। लोक निर्माण विभाग के ए ई महेंद्र पाल का कहना है कि यह रोड पहले से ही धंस रही थी। अब इस रोड के गिरने के बाद ट्रेफिक बंद करा दिया गया है। इसपर तिरपाल डाली जा रही है,जिससे पानी अंदर न जाये और भूस्खलन से बचाव हो सके। 

बहरहाल जो भी देश विदेश में अपनी ख़ूबसूरत झील पर्यटकों से गुलज़ार रहने वाली इस झील की खूबसूरती को बचाने के लिये कड़े कदम उठाने पड़ेंगे जिससे झील के आसपास का ऐतिहासिक स्वरूप बना रहे।   

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