उत्तराखंड में फिर मिले कोरोना वायरस के रिकार्ड 6251 मामले, 85 मरीजों की मौतें
उत्तराखंड में कोविड के लगातार बढ़ते मामलों ने बृहस्पतिवार को फिर एक नया रिकार्ड बनाया जहां 6251 मरीजों में महामारी की पुष्टि हुई जबकि 85 अन्य कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया।
देहरादून: उत्तराखंड में कोविड के लगातार बढ़ते मामलों ने बृहस्पतिवार को फिर एक नया रिकार्ड बनाया जहां 6251 मरीजों में महामारी की पुष्टि हुई जबकि 85 अन्य कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या 174867 हो गई हैं। सर्वाधिक 2207 कोविड मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि हरिद्वार में 1163, उधमसिंह नगर जिले में 827, नैनीताल में 673, पौडी में 253, अल्मोडा में 198, उत्तरकाशी में 195, टिहरी में 163, चंपावत में 157, रूद्रप्रयाग में 150, चमोली में 125, बागेश्वर में 107 और पिथौरागढ में 33 लोगों में महामारी की पुष्टि हुई।
बुलेटिन में कहा गया है कि इसके अलावा, प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में 85 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया जिसके साथ ही महामारी से मरने वालों का आंकड़ा 2502 हो गया। प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 48318 हैं जबकि 120350 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं बढते कोरोना संक्रमण के मददेनजर प्रदेश सरकार ने पिछले दो दिनों में सात अतिरिक्त अस्पतालों की व्यवस्था करते हुए 739 बिस्तर बढाए हैं जबकि डीआरडीओ की मदद से 1400 और बिस्तर जल्द ही उपलब्ध हो जाएंगे।
सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पाण्डेय ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन का पर्याप्त कोटा है और रैपिड एंटीजन जांच की दर घटाकर 300 कर दी गई है। पाण्डेय ने बताया कि राज्य सरकार ने दो दिनों में सात मिड लेवल अस्पतालों की व्यवस्था की गयी है जिसके बाद 700 ऑक्सीजन सपोर्टेड बिस्तर, 39 आईसीयू बिस्तर और दो वेंटीलेटर और बढ़ गए हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 12 कोविड अस्पताल, 62 डेडीकेटेड कोविड सेंटर और 385 कोविड केयर सेंटर काम कर रहे हैं। राज्य के अस्पतालों में 17 हजार के करीब बिस्तर हैं जिनमें से 5500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1302 आईसीयू बेड, 774 वेंटिलेटर कोविड के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के केंद्र सरकार से अनुरोध के बाद डीआरडीओ की मदद से कुमांउ क्षेत्र के हल्द्वानी और गढ़वाल क्षेत्र के ऋषिकेश में 500—500 बिस्तर की क्षमता वाले दो अस्थाई अस्पताल बनने जा रहे हैं। एक अस्पताल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज परिसर में बनेगा जिसे सुशीला तिवारी अस्पताल संचालित करेगा जबकि आईडीपीएल ऋषिकेश में बनने वाला अस्पताल एम्स ऋषिकेश संचालित करेगा।
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