उत्तराखंड: भारी बारिश से 47 लोगों की मौत, मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में पत्रकारों से बात करते हुए आश्वस्त किया कि सेना के तीन हेलीकॉप्टर राज्य में चल रहे राहत एवं बचाव अभियानों में मदद करने के लिए जल्द पहुंचेंगे।
देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हुए हादसों में अभी तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने सभी मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार की शाम को मुआवजे की घोषणा की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तराखंड में बारिश के कारण अब तक 47 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। घर गंवाने वालों को 1.9 लाख रुपये दिए जाएंगे। जिन लोगों ने अपना पशुधन खो दिया है, उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।'
वहीं, इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार के साथ बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने सभी जिला मजिस्ट्रेट से किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने और जल्द से जल्द उन्हें एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से न घबराने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि उन्हें (फंसे हुए लोगों को) सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने चारधाम यात्रियों से फिर अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा शुरू न करें। उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिला मजिस्ट्रेट से चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए तीर्थयात्रियों की खासतौर से देखभाल करने का निर्देश दिया।
धामी ने कहा कि बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने माना कि लगातार बारिश से किसानों पर काफी असर पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए उनसे फोन पर बात की और उन्हें हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।
बारिश से हुई घटनाओं की जानकारी देते हुए राज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर और खैराना के क्रमश: तोतापानी और क्वारव गांवों में भारी बारिश के बाद मकान ढहने की दो अलग-अलग घटनाओं में सुबह सात लोगों की मौत हो गयी। इसी बीच उधम सिंह नगर के बाजपुर इलाके में भारी बारिश से एक व्यक्ति बह गया।
एसईओसी ने बताया कि अल्मोड़ा जिले के भेटरोजखान इलाके में रापाड गांव में एक मकान ढहने के बाद उसके मलबे में चार लोग फंस गए, जिनमें से एक महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। एसईओसी ने बताया कि जिले के भिकियासेन में एक इमारत ढहने से मलबे में एक ही परिवार के सभी सदस्य फंस गए हैं।
एसईओसी ने बताया कि 'चमोली जिले के जोशीमठ के समीप एक भूस्खलन के मलबे में तीन महिलाओं समेत चार मजदूर फंस गए। घटना में एक महिला मजदूर घायल हो गयी जबकि बाकी के लोग सुरक्षित हैं।' वहीं, नैनीताल में मॉल रोड और नैनी झील के किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर में बाढ़ आ गयी है, जबकि भूस्खलनों के कारण एक हॉस्टल की इमारत को नुकसान पहुंचा है।
नैनीताल से प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन शहर में फंसे पर्यटकों की मदद के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है। शहर में आने वाले और बाहर जाने वाले वाहनों में सवार यात्रियों को आगाह करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है तथा यात्रियों से बारिश बंद होने तक ठहरने को कहा जा रहा है।
भूस्खलनों से शहर से बाहर जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। रामनगर-रानीखेत मार्ग पर लेमन ट्री रिजॉर्ट में करीब 100 लोग फंस गए हैं और कोसी नदी का पानी रिजॉर्ट में घुस रहा है। नैनीताल जिले में बिजली, दूरसंचार और इंटरनेट संपर्क भी बुरी तरह बाधित है।
एसईओसी ने बताया कि नैनीताल में 90 मिलीमीटर, हल्द्ववानी में 128 मिमी, कोश्याकुटोली में 86.6 मिमी, अल्मोड़ा में 216.6 मिमी, द्वाराहाट में 184 मिमी और जागेश्वर में 176 मिमी बारिश हुई। (भाषा)