नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को एक ग्लेशियर टूटने से भयंकर तबाही हुई है। ग्लेशियर टूटने से पीपल कोटी पावर प्रोजेक्ट (Pipalkoti Hydro Electric Project (4 x 111 MW) को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा NTPC के ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट ( Rishiganga Power Project) और Dhauliganga Power प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट (Tapovan Vishnugad Hydropower Plant) को भी काफी क्षति पहुंचने की खबर है।
क्या है तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट
तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट एनटीपीसी की इस सेक्टर में दूसरी पनबिजली परियोजना है। यह 520 मेगावाट की रन-ऑफ-द-नदी परियोजना उत्तराखंड के चमोली जिले में धौलीगंगा नदी पर स्थित है। वर्तमान में तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट के उन्नत चरण में था, जिसमें लगभग 70 फीसदी कार्य पूरा हो गया था। परियोजना के वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में पूरा करने का अपना लक्ष्य निर्धारित किया था।
चमोली के तपोवन इलाके में एनटीपीसी साइट से 3 शव बरामद हुए। आईटीबीपी ने इसकी जानकारी दी है। तपोवन में ऋषि गंगा के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है। अलकनंदा के पानी को रोकने के लिए श्रीनगर और ऋषिकेश को डैम खाली करा लिया गया है। प्रभावित इलाके में फँसे लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ने आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070, 1905 और 9557444486 पर संपर्क करने की सूचना भी दी है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि NDRF रवाना हो चुकी है। ITBP के जवान वहां पहुंच चुके हैं। हमारी SDRF की टीम भी वहा पहुंच चुकी है। सारे जगह रेड अलर्ट हो चुका है। 100-150 के बीच जनहानि हो सकती है।
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