चार धाम यात्रा के ठीक पहले तीन महीने में दोबारा टूटा गंगोरी पुल, गंगा घाटी का संपर्क कटा
गंगोत्री जाने के लिए यही एकमात्र पुल है और 18 अप्रैल को धाम के कपाट खुलने हैं...
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर अस्सीगंगा नदी पर गंगोरी में बना बैली ब्रिज तीन महीने के भीतर आज एक बार फिर टूट गया जिस कारण गंगा घाटी का उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। गंगोत्री जाने के लिए यही एकमात्र पुल है और 18 अप्रैल को धाम के कपाट खुलने हैं। ऐसे में यात्रा के शुरू होने से ठीक पहले गंगोरी पुल टूटने से प्रशासन के सामने बहुत बड़ी मुश्किल उत्पन्न हो गयी है।
चीन सीमा को जोड़ने वाला गंगोरी पुल तीन माह पहले 14 दिसंबर 2017 की सुबह भी ओवरलोडेड ट्रकों के कारण टूट गया था। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मरम्मत कर एक महीने बाद 10 जनवरी से इस पर वाहनों का संचालन शुरू कराया था। आज करीब पौने 11 बजे बजरी से भरे एक ओवरलोड डंपर के कारण पुल फिर टूट गया।
पुल के टूटने से इसका निर्माण करने वाली एजेंसी और पुलिस-प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पुल पर फिर से ओवरलोड ट्रक क्यों गुजरने दिया गया। चिंता इस बात की है कि 17 दिन बाद चारधाम यात्रा शुरू होनी है। गंगोत्री धाम जाने के लिए यही एकमात्र पुल है। साल 2012 अगस्त में अस्सीगंगा में आई विनाशकारी बाढ़ में गंगोरी पुल बह गया था जिसके बाद 20 दिन में सीमा सड़क संगठन ने बैली ब्रिज तैयार किया था। आपदा के पांच साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी सरकार ने यहां पक्का पुल नहीं बनाया था।
उत्तरकाशी से चीन सीमा को जोड़ने वाला यह एकमात्र पुल है जिसके टूटने से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया है। ऐसे में गंगोरी से आगे भटवाड़ी, हर्षिल, गंगोत्री और अस्सी गंगा क्षेत्र सहित चीन सीमा की सामरिक चौकियों से संपर्क पूरी तरह कट गया है। पुल ध्वस्त होने से जिला प्रशासन एवं बीआरओ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार चौहान ने बताया कि पुल के टूटने की जांच शुरू कर दी गई है जिसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में आ जाएगी। उन्होंने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था आज देर शाम तक शुरू करा दी जाएगी। बीआरओ के कमांडर सुनील श्रीवास्तव ने मई के प्रथम सप्ताह तक बैली ब्रिज तैयार कर आवाजाही शुरू करने का प्रयास करने की बात कही है।