मुम्बई। एलजीबीटीक्यू के एक कार्यक्रम में जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के समर्थन में ‘‘देशविरोधी’’ नारेबाजी करने के लिए देशद्रोह के आरोप में उर्वशी चूडावाला की अग्रिम जमानत याचिका को यहां की एक अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत राजवैद्य ने चूडावाला की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत ने चूडावाला (22) को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से भी इंकार कर दिया। उच्च न्यायालय में अर्जी दायर करने के लिए उन्होंने राहत मांगी थी। अभियोजन ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि चूडावाला ‘‘एक ऐसे व्यक्ति का समर्थन कर रही थीं जो आधिकारिक रूप से देश का दुश्मन है।’’
पुलिस के मुताबिक, लेस्बियन- गे- बाईसेक्सुअल- ट्रांसजेंडर- क्वीर (एलजीबीटीक्यू) की दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान की रैली में चूडावाला ने नारे लगाए थे, ‘‘शरजील तेरे सपनों को हम मंजिल तक पहुंचाएंगे।’’ उनके वकील विजय हीरेमथ ने कहा कि उनके नारे को संदर्भ से परे लिया गया और आरोप लगाया गया कि वह दो समुदायों के बीच नफरत फैलाना चाहती थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘केवल एक लाइन था, जिसे केवल एक बार बोला गया। क्या इससे कोई नुकसान हुआ? इसे किसी नौकरशाह या सरकारी मशीनरी के लिए नहीं कहा गया। यह किसी भी तरह से देशद्रोह नहीं है। इसका मतलब सरकार, समुदाय या किसी अन्य के प्रति नफरत फैलाना नहीं था।’’
वकील हीरेमथ ने कहा कि चूडावाला छात्रा है, उसकी परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं और ‘‘दो सेकेंड के वीडियो’’ के लिए उसका करियर बर्बाद हो जाएगा। मुख्य लोक अभियोजक जयसिंह देसाई ने कहा कि चूडावाला ने रैली से एक दिन पहले इमाम के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किया है जिसे उसने बाद में हटा दिया।
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