नई दिल्ली: मालेगांव ब्लास्ट में जमानत पर बाहर आए आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी ने सनसनीखेज खुलासा किया है। सुधाकर के मुताबिक जब वो जेल में थे तब कांग्रेस के दबाव में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने की साज़िश रची गई थी और जबरदस्ती उनसे दोनों के बारे में जानकारी ली गई थी। चतुर्वेदी ने यह भी दावा किया कि इस दौरान साध्वी प्रज्ञा को जांच अधिकारियों ने लैपटॉप पर पॉर्न मूवी और अश्लील फोटो दिखाकर टॉर्चर किया।
चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जांच अधिकारियों से मिलकर ये साजिश की थी। मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ्तारी के 9 साल बाद जमानत पर जेल से रिहा हुए सुधाकर चतुर्वेदी सोमवार को मीडिया के सामने आए। चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, शरद पवार और दिग्विजय सिंह सोची समझी साजिश के तहत जांच अधिकारी हेमंत करकरे के साथ मिलकर मालेगांव ब्लास्ट को भगवा आतंकवाद साबित करने में लगे थे। हिन्दू आतंकवाद की थिअरी साबित करने के लिए बड़े चेहरे के रूप में योगी और मोहन भागवत को फंसाने का पूरा प्रयास रहा।
सुधाकर ने बताया कि एनआईए और एटीएस ने उन्हें गिरफ्तार करने के बाद तीन दिनों तक केवल योगी आदित्यनाथ और उनके संगठन, मठ और ठिकानों और कामकाज के बारे में ही पूछताछ की। सुधाकार ने दाया कि योगी के खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था, लेकिन सबूतों के अभाव में उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई। सुधाकर चतुर्वेदी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जांच अधिकारियों ने लैपटॉप पर पॉर्न मूवी और अश्लील फोटो दिखाकर टॉर्चर किया। अपने बारे में बताया कि तीन दिनों तक खाना नहीं दिया गया। बाथरूम में करंट लगाकर रखा और पूरा नंगा कर पैरों के तालू पर लाठी से मारते थे।
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