इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा-देश का लोकतंत्र खतरे में, SC में सबकुछ ठीक नहीं
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि हमने खुद जाकर चीफ जस्टिस को बताया कि प्रशासन में सब कुछ ठीक नहीं है लेकिन जब बात नहीं सुनी गई तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी।
नई दिल्ली: देश के इतिहास में आज अभूतपूर्व घटना हुई। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार सिटिंग जज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सीनियर मोस्ट जज जस्टिस चेलमेश्वर के अलावा जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जोसेफ और जस्टिस मदन लोकूर ने मीडिया से बात की। इस दौरान जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से काम नहीं कर रहा है। जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि पिछले दो महीने के हालात की वजह से उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पड़ रहा है। जज ने कहा कि चारों जजों ने एक लेटर साइन करके चीफ जस्टिस दिया था।
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि हमने खुद जाकर चीफ जस्टिस को बताया कि प्रशासन में सब कुछ ठीक नहीं है लेकिन जब बात नहीं सुनी गई तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी। हमें लगा, हमारी देश के प्रति जवाबदेही है और हमने CJI को मनाने की कोशिश की, लेकिन हमारे प्रयास नाकाम रहे अगर संस्थान को नहीं बचाया गया, लोकतंत्र नाकाम हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि CJI को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कई बार मनाने की कोशिश की गई, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे प्रयास विफल रहे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन सही से नहीं चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार आज मीडिया से बात कर रहे हैं। ये चार जज आज चीफ जस्टिस से मिले थे और उनका विरोध केसों को देने का है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस जस्टिस जे चेलामेश्वर के घर पर हो रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें
- पिछले 2 महीने के हालात की वजह से प्रेस कॉन्फ्रेंस
- 4 सीनियर जज ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी
- चिट्ठी में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी
- चीफ जस्टिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की
- देश का लोकतंत्र खतरे में है- जस्टिस चेलमेश्वर
- चीफ जस्टिस पर महाभियोग चले या नहीं, ये देश तय करे
- SC के कुछ आदेश से न्यायिक व्यवस्था प्रभावित हुई
- सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक नहीं है
- न्यायपालिका के हित में CJI से बात करने की कोशिश की
- SC के कुछ आदेश से HC की स्वतंत्रता पर असर
पत्रकारों की ओर से यह पूछे जाने पर कि किस मामले को लेकर उन्होंने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा, जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि यह एक केस के असाइनमेंट को लेकर था। यह पूछे जाने पर कि क्या यह सीबीआई जज जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत से जुड़ा मामला है, कुरियन ने कहा, 'हां'। इस बीच सीजेआई को लिखा पत्र जज मीडिया को देने वाले हैं, जिससे पूरा मामला स्पष्ट हो सकेगा कि किस मामले को लेकर उनके चीफ जस्टिस से मतभेद हैं।
जस्टिस चेलामेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि हम वह लेटर सार्वजनिक करेंगे, जिससे पूरी बात स्पष्ट हो जाएगी। चेलामेश्वर ने कहा, '20 साल बाद कोई यह न कहे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है। इसलिए हमने मीडिया से बात करने का फैसला किया।' चेलामेश्वर ने कहा कि भारत समेत किसी भी देश में लोकतंत्र को बरकरार रखने के लिए यह जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था सही ढंग से काम करे।
मीडिया से दूर रहते हैं जज
मीडिया से शीर्ष अदालत के जजों की यह बातचीत अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है। आमतौर पर जज मीडिया से दूरी बनाकर रखते हैं और सार्वजनिक तौर पर न्यायपालिका का पक्ष चीफ जस्टिस ही रखते रहे हैं। बता दें कि मौजूदा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और दूसरे नंबर के सीनियर जज जस्टिस चेलामेश्वर के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद रहे हैं।