असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता (संशोधन) विधेयक,2016 को लेकर राज्य में ‘अनावश्यक सामाजिक अशांति’ पैदा की जा रही है। असम विधानसभा में बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के भाषण का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री कोई भी ऐसा फैसला नहीं लेंगे जिससे असम का हित और पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाएं आहत हों। उन्होंने कहा, ‘‘ अनावश्यक सामाजिक अशांति पैदा करना सही नहीं है...चुनाव होते रहेंगे लेकिन हम (असम सरकार) स्थानीय लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुचाएंगे।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘असम में सभी सौ फीसदी सुरक्षित हैं। हम ब्रह्मपुत्र और बराक घाटी के लोगों के लिए काम करना जारी रखेंगे।'' सोनोवाल ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से असम समझौते का उल्लंघन नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ कई लोग अवैध विदेशियों को लेकर आंकड़े दे रहे हैं, जिसका कोई आधार नहीं है। जैसे ही एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) पूरा हो जाता है, हमें अवैध विदेशियों के बारे में वास्तविक आंकड़े मिल जाएंगे।''
नागरिकता विधेयक के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ आप इस विधेयक पर निश्चित रूप से चर्चा और बहस कर सकते हैं। हम सुनेंगे। लेकिन आपको सड़कों पर जाकर शांति भंग करने और गरीबों की आजीविका प्रभावित करने का हक प्राप्त नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ नागरिकता विधेयक पूरे देश के लिए है, सिर्फ असम के लिए नहीं... फिर क्यों लोगों में अनावश्यक डर पैदा किया जा रहा है? कहां से यह आंकड़ा आया कि 1.9 करोड़ हिंदू बांग्लादेशी असम में आ रहे हैं, कहां से यह चीजें आ रही हैं।''
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