नयी दिल्ली: मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह का मानना है कि देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाये जाने वाली इतिहास की किताबों में उनको यथोचित सम्मान नहीं मिला है। सिंह ने ट्वीट किया,‘‘ देश की आज़ादी के बाद शहीदों को स्कूल- कॉलेज में पढ़ाये जाने वाले इतिहास में यथोचित सम्मान नहीं मिला। वीराने हैं क़ब्रें उनकी जिनके ख़ून से जलते थे चिरागे वतन। जगमगाते हैं मक़बरे उनके जो बेचते थे शहीदों के कफ़न।’’
महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के शहीदी दिवस पर सिंह ने यह टिप्पणी की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ भारत माता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। आज उनका शहीदी दिवस (23 मार्च1931) है।’’ बहरहाल, यह पहली बार नहीं है जब मंत्री ने देश में मौजूदा पाठ्यक्रम की विषयवस्तु पर सवाल उठाया है। हाल में उन्होंने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) को सिफारिशें की थी कि ऐसे कई मंत्र हैं जिनमें न्यूटन द्वारा खोजे जाने से काफी पहले' गति के नियमों' को संहिताबद्ध किया गया है।
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