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Hindi News भारत राष्ट्रीय GST का आधी रात का कार्यक्रम आत्म-प्रचार नहीं : जेटली

GST का आधी रात का कार्यक्रम आत्म-प्रचार नहीं : जेटली

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की लॉन्चिंग को लेकर आधी रात को प्रस्तावित कार्यक्रम को खुद के प्रचार के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सबसे अलग रुख अपनाने के बजाय शासन में मुख्यधारा की प

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की लॉन्चिंग को लेकर आधी रात को प्रस्तावित कार्यक्रम को खुद के प्रचार के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सबसे अलग रुख अपनाने के बजाय शासन में मुख्यधारा की पार्टी का रुख अख्तियार करे। जीएसटी को लेकर आधी रात को होने वाले कार्यक्रम से किनारा करने के विपक्ष के फैसले का संदर्भ देते हुए उन्होंने आज तक के जीएटी कॉन्क्लेव में कहा, "मुझे लगता है कि राजनीतिक पार्टियों को राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। कांग्रेस पार्टी को फैसला करना है कि क्या वह अपना रुख सबसे अलग रखेगी या शासन की मुख्यधारा की पार्टी का रुख अख्तियार करेगी।"

उन्होंने कहा, "इसमें हिस्सा नहीं लेने वालों के लिए प्रक्रिया नहीं रुकेगी। आर्थिक सुधार की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए विलंब हो सकता है, विचार-विमर्श हो सकता है, लेकिन किसी भी आवश्यक सुधार का क्रियान्वयन नहीं रुकेगा।" जेटली ने कहा, "चर्चा संसद में होगी, लेकिन इस कानून पर चर्चा..बीते 70 वर्षो में किसी और कानून के लिए इतनी चर्चा नहीं हुई।"

जेटली ने जीएसटी को लेकर 15 वर्षो की चर्चा का संदर्भ देते हुए कहा, "अगर अन्य सरकारें जीएसटी का हिस्सा हैं, तो उन्हें भी इसका हिस्सा बनना चाहिए। इस तरह की संकीर्ण सोच से हम डिगने वाले नहीं हैं।" वित्तमंत्री ने कहा, "यह खुद का प्रचार नहीं है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह तथा एच.डी.देवगौड़ा को मंच पर आमंत्रित किया गया है। पहले ही दिन से हमने व्यापक नजरिया अपनाया है। यह मौका राष्ट्र की खातिर राजनीति से ऊपर उठने का है।"

अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को छह महीने के लिए टालने की विपक्ष खासकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग पर उन्होंने कहा, "आप एक सरकार चला रहे हैं। कृपया संविधान को पढ़िए। अगर कर व्यवस्था नहीं होगी तो अराजकता फैल जाएगी, क्योंकि 15 सितंबर के बाद कोई वैकल्पिक कर व्यवस्था नहीं होगी।"

वित्तमंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर का मुद्दा अलग है। उन्होंने राज्य के पूर्व वित्तमंत्री नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अब्दुल राथर की ओर इशारा किया, जो एक समय में अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष थे और मौजूदा समय में उनकी पार्टी नई कर व्यवस्था के खिलाफ है। यह पूछे जाने पर कि भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में इस कानून को लागू करना कितना कठिन है? जेटली ने कहा कि यही तो देश की मजबूती है।

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