नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने ‘सिख फॉर जस्टिस’ नाम की संस्था को गैर कानूनी घोषित कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस संस्था को अमेरिका, कनाडा, और ब्रिटेन जैसे देशों जैसे देशों की नागरिकता वाले उग्र सिख चलाते हैं। यह संस्था भारत विरोधी एजेंडा फैलाती है और संस्था के तार खालिस्तानी आतंकवादियों से जुड़े होने का शक है।
सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के कई ऐसे मॉड्यूल ध्वस्त किए हैं जो पंजाब में विशानकारी गतिविधियों में शामिल थे। जांच से पता चला है कि ऐसी गतिविधियों को विदेश में स्थित सिख फॉर जस्टिस संस्था से जुड़े गुरपतवंत पन्नु, हरमीत सिंह और परमजीत सिंह पम्मा से फंड मिलता था।
सूत्रों के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस संस्था करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल अपनी अलगाववादी विचारधारा को फैलाने के लिए करना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान से 14 जुलाई को होने वाली बात में भारत इस मुद्दे को उठा सकता है और पाकिस्तान को भी इस संस्था पर प्रतिबंध लगाने के लिए कह सकता है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला पंजाब सहित अन्य राज्य सरकारों से बात करके लिया है, कई सिख संस्थाओं ने भी सिख फॉर जस्टिस की अलगाववादी गतिविधियों को लेकर आवाज उठाई थी।
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