नयी दिल्ली। केंद्रीय बजट में ईवीएम से जुड़ी बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल यूनिट (वीवीपीएटीएस) खरीदने तथा पुरानी वोटिंग मशीनों को नष्ट करने पर निर्वाचन आयोग को कोष प्रदान करने के लिए विधि मंत्रालय को 1,005 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। एक ईवीएम में एक कंट्रोल इकाई, एक बैलेट इकाई और एक वीवीपीएटी या पेपर ट्रेल मशीनें रहती है। निर्धारित प्रावधान के तहत विशेषज्ञ इकाई के निरीक्षण के तहत पुरानी ईवीएम मशीनें को नष्ट कर दिया जाएगा। एक वोटिंग मशीन का औसत काल 15 वर्ष का होता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ईवीएम का निर्माण करती हैं। मंत्रालय को 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़े खर्च के लिए 100 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं। बजट दस्तावेज में कहा गया कि लोकसभा चुनाव करवाने के दौरान खर्च के मद में इसका प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 7.20 करोड़ रुपये मतदाता पहचान पत्रों के लिए आवंटित किए गए हैं। मतदाता पहचान पत्रों को जारी करने पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्र सरकार के हिस्से से भुगतान किए जाने का प्रावधान है।
अन्य चुनावी खर्च मद में मंत्रालय को 57.10 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। दस्तावेज में कहा गया है कि यह प्रावधान राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में सामान्य चुनावी खर्च पर केंद्र सरकार के हिस्से की भरपाई और मतदाता सूची तैयार करने तथा छपाई की लागत के लिए है। इसके अलावा, चुनाव आयोग को 249.16 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह प्रावधान मुख्य रूप से निर्वाचन आयोग के खर्च और आयोग के अतिरिक्त भवन के लिए भूमि और निर्माण पूर्व गतिविधियों के खर्च के संबंध में है। अतिरिक्त भवन द्वारका में बनना है।
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