गुवाहाटी: असम में सोमवार को जारी हुए राष्ट्रीय नगारिक रजिस्टर (NRC) के अंतिम ड्राफ्ट में यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के प्रमुख परेश बरूआ का नाम है लेकिन उनकी पत्नी बॉबी भुयान और दो बेटों अरिंदम और आकाश के नाम गायब हैं। बरूआ का नाम इससे पहले 31 दिसंबर, 2017 को जारी किए गए पहले ड्राफ्ट में भी शामिल था। बता दें कि उल्फा एक उग्रवादी संगठन है जो कि स्वायत्त असम के लिए सशस्त्र आंदोलन में सक्रिय रहा है। परेश बरूआ इसी वजह से म्यांमार से लेकर चीन तक भागकर और छिप-छिपकर रह चुके हैं।
डिब्रूगढ़ के छाबुआ गांव में रहने बरूआ के छोटे भाई ने कहा, 'हमारे पास बड़े भाई की पत्नी और दो बच्चों के नाम से दस्तावेज ही नहीं हैं ताकि उन्हें भारत का नागरिक घोषित किया जा सके इसलिए हमने इसके लिए अप्लाई नहीं किया। परेश का जेराइगांव एलपी स्कूल का सर्टिफिकेट हमारे पास था, जिसे हमने सबमिट कर दिया और उनका शामिल हो गया।'
एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में इसके अलावा दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के भतीजे का नाम भी गायब है जिसका नाम जियाउद्दीन है। वह फखरुद्दीन के भाई इकरामुद्दीन अली अहमद के बेटे हैं। इस अंतिम ड्राफ्ट में नाम गायब पाने पर पूर्व राष्ट्रपति के भाई का परिवार हैरान रह गया। उनका कहना है कि वे लोग दस्तावेज ढूंढ़ेंगे जिसके आधार पर वे एनआरसी की लिस्ट में अपने नाम दर्ज कराने का दावा पेश कर सकेंगे।
वहीं, रजिस्ट्रार जनरल एंड कन्सेंसेस कमिश्नर शैलेश ने बताया कि जिन लोगों का नाम NRC के अंतिम ड्राफ्ट में नहीं है, उन्हें अपने नाम लिस्ट में दर्ज कराने के लिए व्यक्तिगत तौर पर चिट्ठी भेजी जाएगी।
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