नई दिल्ली/दुबई: बीते कुछ सालों में संयुक्त अरब अमीरात दुनिया के सबसे तेजी से आगे बढ़ते कारोबारी देशों में शुमार हुआ है। बिजनस के लिए मिल रही सहूलियतों ने वहां कई कंपनियों को आकर्षित किया है। अब यह मुल्क विदेशी नागरिकों को अपने यहां की नागरिकता भी देने जा रहा है। खास बात यह है कि UAE की नागरिकता लेने वाले लोग अपनी पुरानी नागरिकता भी बरकरार रख सकते हैं। संयुक्त अरब अमीरात ने शनिवार को घोषणा की कि वह पेशेवर विदेशी नागरिकों को अपनी नागरिकता प्रदान करेगा। कोविड-19 महामारी के बीच अपनी अर्थव्यवस्था को उबारने के मद्देनजर यूएई ने यह कदम उठाया है।
‘इनके परिवार को लोगों को भी मिलेगी नागरिकता’
दुबई के शासक, देश के प्रधानमंत्री तथा उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन अल मख्तूम ने इस बारे में घोषणा करते हुए कहा कि कलाकारों, लेखकों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के साथ-साथ उनके परिवार भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात का नागरिक बनने के बाद भी वे अपनी पुरानी नागरिकता बरकरार रख सकते हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या यूएई की नागरिकता पाने वाले विदेशी नागरिकों को भी वही अधिकार प्रदान किए जाएंगे जो देश के मूल नागरिकों को प्राप्त हैं।
यूएई की कुल जनसंख्या में 28 प्रतिशत भारतीय प्रवासी
बता दें कि यूएई 7 अलग-अलग अमीरातों का समूह है जिनमें दुबई, शारजाह और अबू धाबी प्रमुख हैं। अजमन, फुजायरा, रास अल खैमा और उम्म अल कुवैन अन्य अमीरात हैं। 2013 के आंकड़ों के मुताबिक यूएई की कुल जनसंख्या 92 लाख थी जिनमें 14 लाख देश के नागरिक थे और बाकी के 78 लाख प्रवासी थे। संयुक्त अरब अमीरात में प्रवासियों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों की है जो यहां की कुल जनसंख्या का 28 प्रतिशत हैं। इसके बाद पाकिस्तानी नागिरकों का नंबर आता है जो यूएई की कुल जनसंख्या का लगभग 12 प्रतिशत हैं। प्रतिशत के लिहाज से यूएई दुनिया में सबसे ज्यादा प्रवासियों का घर हैं।
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