रामगढ़: झारखंड के रामगढ़ जिले में 2 ऐसे मामले सामने आए हैं जहां जांच के लिए सैंपल लिए बगैर ही उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित बता दिया गया। इसके अलावा एक अन्य मामले में रामगढ़ के ही एक स्थानीय बीजेपी नेता को बिना जांच के 10 दिन तक कोविड-19 अस्पताल में भर्ती रखा गया। रामगढ़ की मुख्य चिकित्साधिकारी (सिविल सर्जन) डॉक्टर नीलम चौधरी ने बताया कि इन दोनों मामलों की जांच के आदेश दिए गए हैं और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
‘लाइन लंबी होने के कारण लौट गए थे’
डॉक्टर नीलम चौधरी ने बताया कि पहली शिकायत के अनुसार एक महिला और पुरुष कोविड-19 की जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन लाइन लंबी होने के कारण बिना जांच कराए लौट गए। बाद में दोनों को मोबाइल पर संदेश आया कि वे संक्रमित हैं, इसे लेकर उन्होंने विरोध दर्ज कराया और इसकी जानकारी सदर अस्पताल में दी। एक अन्य घटना में बीजेपी के एक स्थानीय नेता को जांच की रिपोर्ट आने से पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित बताकर अस्पताल में भर्ती कर दिया गया और 10 दिन बाद रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
‘मुझे क्यों कोविड केंद्र में भर्ती रखा गया’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल से बाहर निकलने के बाद बीजेपी नेता ने इसे लेकर अपने समर्थकों के साथ अस्पताल और जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सवाल किया, ‘आखिर किस आधार पर मुझे 10 दिन तक कोविड-19 केन्द्र में भर्ती रखा गया।’ डॉक्टर चौधरी ने बताया, ‘इस मामले की भी जांच की जा रही है। पता किया जा रहा है कि बिना रिपोर्ट आए उक्त व्यक्ति को कोविड-19 केन्द्र में कैसे भर्ती रखा गया था?’
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