कश्मीर : गोलीबारी में किशोर मरा, पुलिस ने मानी चूक
श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में शनिवार को नरबल गांव में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक किशोर की मौत हो गई। वहीं हिंसाग्रस्त गांव का दौरा करने
श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में शनिवार को नरबल गांव में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक किशोर की मौत हो गई। वहीं हिंसाग्रस्त गांव का दौरा करने जा रहे सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश व कट्टरपंथी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। बडगाम के नरबल गांव में प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाकर्मियों द्वारा चलाई गोली से सुहेल अहदम सोफी नामक एक किशोर की मौत हो गई।
पुलिस ने एक बयान में स्वीकार किया कि नरबल गांव में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने वाले पुलिसकर्मियों ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का उल्लंघन किया। इस गोलीबारी में एक किशोर की मौत हो गई थी।
पुलिस ने कहा, "प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतरकर कई वाहनों में तोड़फोड़ भी की।"
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने यहां से 18 किलोमीटर दूर श्रीनगर-गुलमर्ग मार्ग पर बडगाम के नरबल गांव में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों पर पथराव किया। लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद भी जब प्रदर्शनकारी भीड़ पर काबू नहीं पाया जा सका, तब सुरक्षा बलों ने गोलीबारी का सहारा लिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि गोली लगने के बाद सोफी को श्रीनगर के झेलम वैली अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने श्रीनगर-गुलमर्ग मार्ग जाम कर दिया है और वे किशोर के शव के साथ सड़क पर बैठे हैं।
प्रदर्शनकारियों व मृतक किशोर के परिजनों का कहना है कि उसे तबतक नहीं दफनाया जाएगा, जबतक गोलीबारी के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की पहचान कर उन्हें न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता।
इलाके में किशोर के मौत की खबर फैलते ही नरबल में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं।
नरबल में यह प्रदर्शन अलगाववादी नेता मसरत आलम की गिरफ्तारी के खिलाफ अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के कश्मीर घाटी बंद के आह्वान के मद्देनजर किया जा रहा था।
कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए समग्र टाउनशिप के विरोध में श्रीनगर शहर के मैसुमा इलाके में जेकेएलएफ कार्यकर्ताओं के साथ मलिक तथा अग्निवेश सुबह में एक सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे।
दोपहर के वक्त मलिक व स्वामी ने नरबल गांव जाने का फैसला किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यासीन मलिक व स्वामी अग्निवेश को एहतियातन हिरासत में लिया गया। उन्हें खोतीबाग पुलिस थाने में रखा गया।"
स्वामी अग्निवेश ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें और मलिक को गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि 10-15 मिनट के लिए हिरासत में लिया गया था।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मीडिया ने इसे गिरफ्तारी क्यों कहा।"
पुलिस द्वारा शनिवार को जारी एक बयान के मुताबिक, "आज (शनिवार) सुबह नरबल (मागम) इलाके में नरबल-गुलमर्ग सड़क पर वाहनों पर पथराव की खबर आई थी।"
बयान में कहा गया है, "हालात पर नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया, जिनपर भारी पथराव किया गया।"
बयान के मुताबिक, "स्थिति पर नियंत्रण के लिए कुछ चक्र गोलियां चलाई गईं, जिसमें मागम के नरबल निवासी अब्दुल अहद सोफी के बेटे सुहेल अहमद सोफी नामक एक स्थानीय किशोर घायल हो गया। दुर्भाग्य से घायल किशोर की अस्पताल में मौत हो गई।"
किशोर के मारे जाने के विरोध में उत्तरी कश्मीर के सोपोर से भी प्रदर्शन की खबरें आई हैं।
शुक्रवार को पूरे दिन हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। मसरत को पहले उसके घर में नजरबंद किया गया फिर श्रीनगर के शहीदगंज पुलिस थाने भेजा गया, उसके बाद मध्य बडगामा जिले के हुमहामा पुलिस थाने भेजा गया।
मसरत व गिलानी के खिलाफ 14 अप्रैल को एक जनसभा के दौरान युवकों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने और पाकिस्तानी झंडा लहराने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।