काठमांडू। माउंट एवरेस्ट पर दो और भारतीय पर्वतारोहियों की ‘घंटे भर के यातायात जाम’ के चलते मौत हुई है। इसके साथ ही दुनिया की इस सबसे बड़ी चोटी पर इस मौसम में पर्वतारोहण के दौरान जान गंवाने वाले भारतीयों की संख्या आठ हो गयी है। पर्वतारोहण के आयोजकों के अनुसार निहाल भगवान (27) और कल्पना दास (49) की 8848 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट से उतरते समय दो अन्य पर्वतारोहियों के साथ मौत हो गयी।
माउंट एवरेस्ट पर ‘यातायात जाम’ तब होता है जब एक ही समय पर कई पर्वतारोही पर्वतारोहण पर होते हैं और खासतौर पर 8000 मीटर से अधिक ऊंचाई खतरनाक हो सकती है। यह ऊंचाई ‘डेथ जोन’ के नाम से जानी जाती है। पीक प्रमोशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बाबू शेरपा ने बताया कि नेपाल वाले हिस्से में पहले तो शेरपा पर्वतरोहियों ने उन्हें बचा लिया लेकिन उन्होंने माउंट एवरेस्ट के चतुर्थ शिविर में दम तोड़ दिया। वह महाराष्ट्र के रहने वाले थे।
हिमालय टाइम्स के अनुसार शेरपा ने कहा, ‘‘माउंट एवरेस्ट से लौटते समय बालकनी क्षेत्र के समीप 27 वर्षीय भगवान बीमार पड़ गये और चतुर्थ शिविर में उन्होंने दम तोड़ दिया।’’ उन्होंने बताया कि भगवान दो सदस्यीय पर्वतरोहण दल के नेता थे।
एवरेस्ट आधार शिविर पर संपर्क अधिकारी ज्ञानेंद्र श्रेष्ठ ने बताया कि तीन सदस्यीय महिला पर्वतरोहण दल की सदस्य दास बुधवार को एवरेस्ट से लौटते समय बालकनी क्षेत्र के पास चल बसीं। काठमांडू पोस्ट की खबर है कि दास और अमेरिकी पर्वतारोही डोनाल्ड लिन कैस की उतरते समय मौत हो गयी। उनकी मौत की वजह चढ़ने और उतरने वालों की लंबी कतार बतायी जा रही है, क्योंकि इसके कारण कई लोगों को 8000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर घंटों इंतजार करना पड़ता है।
हिमालय विजन प्राइवेट लिमिटेड के सुभाष श्रेष्ठ के अनुसार आस्ट्रेलियाई पर्वतारोही इंग लांडग्राफ (65) की बुधवार को मौत हो गयी । वह कोबलर एंड पार्टनर के पर्वतारोहण दल का हिस्सा थे। पर्वतारोहण अधिकारियों के अनुसार हाल की इन मौतों के साथ ही 8000 मीटर से अधिक ऊंचाई के पर्वत पर मरने वालों की संख्या 16 हो गयी है। अधिकारियों ने कहा, ‘‘ विभिन्न पर्वतों पर जान गंवाने वाले 16 लोगों में कम से कम आठ भारतीय हैं।’’
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