नई दिल्ली: राफेल डील की जांच को लेकर दायर याचिका को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। मुख्य न्यायधीश ने कहा कि राफेल की तकनीकी क्षमता को लेकर कोई सवाल नहीं है, सरकार ने 126 के बजाय 36 विमान क्यों खरीदे इसपर हम कोई फैसला नहीं दे सकते, और कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले की ऑफसेट में किसी का फेवर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विमान की प्राइसिंग को देखना कोर्ट का काम नहीं है और कोर्ट के लिए यह सही नही होगा कि वह इस डील के एक-एक स्टेप की समीक्षा करे।
हाल में बीते 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर राफेल सौदे में घोटाले के आरोप लगाए थे और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शब्दों का तीखा हमला करते हुए कहा था कि चौकीदार चोर है। सुप्रीम कोर्ट में राफेल विमान सौदे को लेकर आए इस फैसले के बाद कांग्रेस की तरफ से लगाए गए आरोप निराधार लग रहे हैं, ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस ने जो आरोप लगाए थे वह क्या सिर्फ चुनावी फायदे के लिए थे?
राफेल सौदे की जांच चुनावी मुद्दा था या नहीं? इसके लिए इंडिया टीवी हिंदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल पर आज सर्वे कराया था जिसमें लोगों ने अपनी राय रखी। सर्वे में 84 फीसदी लोगों ने कहा कि राहुल गांधी ने बिना किसी आधार के राफेल को चुनावी मुद्दा बनाया, 14 फीसदी लोगों ने इसे नकारा है वहीं, 2% लोगों ने 'कुछ कह नहीं सकते' जवाब दिया।
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