प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टि्वटर अकाउंट narendramodi.in हैक, हैकर ने लिखा ये संदेश
ट्विटर पर काफी एक्टिव रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट का टि्वटर अकाउंट हैक हो गया है।
नई दिल्ली। ट्विटर पर काफी एक्टिव रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट का टि्वटर अकाउंट हैक हो गया है। हैकर ने कोविड-19 रिलीफ फंड में दान करने के लिए बिटक्वॉइन की मांग की है। गनीमत यह रही कि तुरंत ये सभी ट्वीट्स डिलीट कर दिए गए। पीएम मोदी की पर्सनल वेबसाइट का टि्वटर अकाउंट पर पर एक मैसेज में लिखा गया- "मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि कोविड-19 के लिए बनाए गए पीएम मोदी रिलीफ फंड में डोनेट करें।" लेकिन यह डोनेशन बिटकॉइन में करने के लिए कहा गया। पहले ट्वीट में लिखा गया कि भारत में क्रिप्टो करेंसी फिर शुरू हो चुकी है, ऐसे में बिटकॉइन मेें दान करें। रात करीब तीन बजे एक के बाद एक 4 ट्वीट किए गए।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट का जो वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट है, उसके 25 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। इस संदेश के बाद हैकर ने पीएम मोदी के अकाउंट से एक और ट्वीट किया। हैकर ने लिखा, यह अकाउंट जॉन विक (hckindia@tutanota.com) ने हैक किया है। हमने पेटीएम मॉल हैक नहीं किया है। हालांकि अब ये ट्वीट डिलीट कर दिए गए हैं।
जुलाई महीने में एक ऐसी ही घटना सामने आई थी जिसमें वॉरेन बफेट, जेफ बेजॉस, बराक ओबामा, जो बिडेन, बिल गेट्स और एलॉन मस्क समेत कई बड़ी हस्तियों के टि्वटर अकाउंट के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इन लोगों के ट्विटर अकाउंट पर क्रिप्टो करेंसी से जुड़े पोस्ट किए गए थे।
ट्विटर ने भी गुरुवार को पुष्टि करते हुए कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट के एक खाते को कई ट्वीट्स के साथ हैक किया गया। ट्विटर ने कहा कि उसे मामले की जानकारी है और उसने खाते को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं। एक ट्विटर प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि हम स्थिति की सक्रिय रूप से जांच कर रहे हैं। इस समय, हमें अतिरिक्त खातों के प्रभावित होने की जानकारी नहीं है।
कौन है जॉन विक
हैकर ग्रुप का नाम जॉन विक है। 30 अगस्त को साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबल ने दावा किया था कि जॉन विक ग्रुप का ही पेटीएम मॉल के डेटा चोरी में हाथ था। पेटीएम मॉल यूनीकॉर्न पेटीएम की ई-कॉमर्स कंपनी है। साइबल ने दावा किया था कि इस हैकर ग्रुप ने फिरौती की मांग की थी। हालांकि पीटीएम ने कहा कि जांच के दौरान डेटा में सेंधमारी जैसी कोई घटना नहीं हुई थी।