नयी दिल्ली: आपस में सिर से जुड़े ओडिशा के करीब दो साल के जुड़वां बच्चों को यहां एम्स में 16 घंटे तक चली सर्जरी के बाद अलग किया गया। यह सर्जरी आज पूरी हुई। चिकित्सकों ने बताया कि जुड़वां बच्चों को वेंटीलेटर पर रखा गया है और उनकी हालत गंभीर है। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बताया कि ओडिशा के जुड़वां बच्चे जागा और कालिया चिकित्सकों की देखरेख में हैं और विशेषज्ञों का दल उन पर लगातार निगरानी रख रहा है। उन्हें खून भी चढ़ाया गया है।
गुलेरिया ने बताया कि 28 महीने के जुड़वां बच्चों को अलग तो कर दिया गया है लेकिन आने वाले कुछ हफ्ते बेहद महत्वपूर्ण हैं, उसके बाद ही पता चल पाएगा कि सर्जरी सफल रही है या नहीं। सर्जरी में शामिल चिकित्सकों के दल को भी जुड़वां बच्चों में से एक को लेकर बहुत अधिक चिंता बनी हुई है क्योंकि उसकी सेहत गिरती जा रही है। एम्स के न्यूरोसाइंसेस सेंटर के प्रमुख एके महापात्रा ने कहा, बच्चों को अलग कर दिया गया है। सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी, ऐसी कई चुनौतियों से पहली बार सामना हुआ।
एम्स के न्यूरोसर्जरी, न्यूरो-एनेस्थीसिया और प्लास्टिक सर्जरी विभागों के करीब 30 विशेषज्ञों के दल ने मैराथन सर्जरी की, यह कल सुबह नौ बजे शुरू हुई और आज तड़के तीन बजे खत्म हुई। महापात्रा ने बताया कि जागा की हालत गंभीर बनी हुई है जबकि कालिया की हालत स्थिर है। ओडिशा के कंधमाल जिले के फिरिंगिया ब्लॉक के तहत आने वाले मिलीपाडा गांव के ये बच्चे सिर से जुड़े थे, जो बहुत दुर्लभ ही स्थिति है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बच्चों की सर्जरी करने वाले एम्स के चिकित्सकों के दल की आज सराहना की । पटनायक ने ट्विटर पर लिखा, डॉ. एके महापात्रा और उनकी टीम ने बेहतरीन काम किया। जुड़वां बच्चों की मदद में कोई बाधा नहीं होगी, उनके लिए पूरा ओडिशा प्रार्थना कर रहा है। ओडिशा सरकार ने बच्चों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से एक करोड़ रूपये स्वीकृत किये हैं।
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