क्या सच में ट्रंप से गरीबी छिपाने के लिए अहमदाबाद में बनाई जा रही है दीवार? ये रही सच्चाई
पड़ताल में यह भी पता चला कि दीवार बनाने का काम जिस गति से हो रहा है, उससे दीवार ट्रंप के दौरे तक आधी भी पूरी नहीं होगी।
अहमदाबाद। 24 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अहमदाबाद आ रे हैं, राज्य सरकार इस तैयारी में जुटी है और इस तैयारी को लेकर एक विवाद भी खड़ा हो गया है। दावा किया जा रहा है कि मोदी और रूपाणी सरकार ट्रंप की नजरों से छिपाने के लिए गुजरात की गरीबी और अहमदाबाद के सरणी आवास इलाके की झुग्गी झोपड़ियों को छिपाने के लिए दीवार खड़ी कर रही है। शरद पवार ने भी सरकार पर इसको लेकर निशाना साधा है। इंडिया टीवी ने ट्रंप के दौरे से पहले ग्राउंड जीरो पर जाकर तहकीकात की और हकीकत जाने की कोशिश की। जिस जगह पर झोंपड़ियों के सामने दीवार बनी है उसे पहली नजर में देखने पर यही लगता है कि दीवार झोंपड़ियों को छिपाने के लिए बना रहे हैं।
लेकिन जब जांच की, तो पता चला कि दीवार बनाने के मामले में सच्चाई कुछ और ही है। यह सच नहीं है कि झोंपड़ियों को छिपाने के लिए दीवार बनाई जा रही है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि झोंपड़ियों को छिपाने के लिए 7 फीट ऊंची दिवार बनाई जा रही है, लेकिन पड़ताल में यह दावा भी झूठा निकला। इंडिया टीवी को ग्राउंड जीरो पर जाकर पता चला कि दीवार 4 फीट ऊंची है, और यह नगर निगम के नियमों के तहत इसको बनाया जा रहा है। इंडिया टीवी को पता चला कि सरणी आवास इलाके में 50-60 साल से झुग्गियों का अतिक्रमण बढ़ रहा था और पिछले 2-3 साल में इसमें तेजी आ चुकी थी, ऐसे में झुग्गियों के अतिक्रमण को रोकने के लिए दीवार को बनाया गया है।
इंडिया टीवी को यह भी पता चला कि जब ट्रंप का भारत आना तय भी नहीं हुआ था तब से इस दीवार को बनाने का काम शुरू हो चुका था। 2 महीने पर स्थानीय नगर निगम आयुक्त की पहल पर दीवार को बनाए जाने का काम शुरू किया गया था। अहमदाबाद नगर निगम के आयुक्त ने भी इस आरोप को गलत बताया कि ट्रंप से गरीबी को छिपाने के लिए दीवार को बनाया जा रहा है। नगर निगम आयुक्त विजय नेहरा ने बताया कि एक स्थानीय समाचार पत्र ने गलत रिपोर्ट छापी और उसी के आधार पर अन्य समाचार पत्रों और अन्य मीडिया ने भी गलत खबर को उठा लिया। विजय नेहरा ने बताया की जब ट्रंप का भारत दौरा तय भी नहीं था तभी से दीवार को बनाने का फैसला लिया जा चुका था और यह सिर्फ संयोग था कि जब ट्रंप का दौरा फाइनल हुआ तभी दीवार को बनाए जाने का काम शुरू हुआ। पड़ताल में यह भी पता चला कि दीवार बनाने का काम जिस गति से हो रहा है, उससे दीवार ट्रंप के दौरे तक आधी भी पूरी नहीं होगी। ऐसे में यह दावा किया जाना कि ट्रंप से गरीबी को छिपाने के लिए दीवार बनाने का काम किया जा रहा है, पूरी तरह गलत है।