TRP Scam: BARC ने जांच को लेकर नहीं की कोई टिप्पणी, रिपब्लिक नेटवर्क के कदमों से जताई निराशा
टीवी मीडिया जगत में हाल ही में सामने आए कथित फर्जीवाड़े और इस मामले को लेकर चल रही जांच पर BARC India की तरफ से किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
नई दिल्ली. टीवी मीडिया जगत में हाल ही में सामने आए कथित फर्जीवाड़े और इस मामले को लेकर चल रही जांच पर BARC India की तरफ से किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई है। BARC India ने बयान जारी कर कहा है कि कानूनी एजेंसियों को जांच में हर संभव मदद कर रही है। बयान जारी कर BARC India ने रिपब्लिक मीडिया द्वारा हाल ही में सार्वजनिक किए गए mails को लेकर भी निराशा जाहिर की गई है। BARC India ने कहा है कि रिपब्लिक नेटवर्स ने न सिर्फ प्राइवेट और गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक किया बल्कि उसे गलत तरीक से प्रस्तुत भी किया। BARC India ने स्पष्ट किया कि उसकी तरफ से कानून एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की गई और वो रिपब्लिक नेटवर्क द्वारा उठाए गए कदमों से निराश है।
अस्थायी रूप से निलंबित हैं न्यूज चैनलों की रेटिंग
ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने कथित रूप से फर्जी टीआरपी घोटाले के बाद पिछले गुरुवार को न्यूज चैनलों की रेटिंग को अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि काउंसिल ‘‘सांख्यिकीय मजबूती’’ में सुधार के लिए माप के वर्तमान मानकों की समीक्षा करने और उन्हें बेहतर बनाने का इरादा रखती है, और इस कवायद के चलते साप्ताहिक रेटिंग 12 सप्ताह तक ‘‘स्थगित’’ रहेगी।
इससे पहले मुंबई पुलिस ने कथित टीआरपी घोटाले में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। मुंबई पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में घोटाले का भंडाफोड़ किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में समाचार चैनलों के कर्मचारी भी शामिल हैं, जबकि पुलिस इस संबंध में अर्नब गोस्वामी के नेतृत्व वाले रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है। रिपब्लिक टीवी ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है।
बार्क द्वारा दिए जाने वाले दर्शकों के अनुमानों से विज्ञापन का खर्च प्रभावित होता है। मुंबई पुलिस का आरोप है कि जिन घरों में मॉनिटर लगाए गए थे, उन्हें प्रभावित करके रेटिंग में हेराफेरी की जा रही थी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर बार्क बोर्ड ने प्रस्ताव दिया है कि माप के मौजूदा मानकों और डेटा जमा करने के तरीकों को बेहतर बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही काउंसिल ने कहा कि मॉनिटरिंग वाले घरों में किसी तरह की घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम करने के लिए ये कवायद की जा रही है। इस कवायद में हिंदी, अंग्रेजी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं के सामान्य समाचार चैनल और कारोबारी समाचार चैनल शामिल हैं। (With input from Bhasha)