नयी दिल्ली: ‘‘हूल दिवस’’ के अवसर पर झारखंड के संथाल विद्रोह के नायकों की ऐतिहासिक कुर्बानी याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश के आदिवासियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपनी जान दे दी लेकिन कभी झुके नहीं। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हूल दिवस झारखंड में हुई उस ऐतिहासिक क्रांति को स्मरण करने का दिन है, जिसमें विदेशी हुकूमत के अन्याय के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका गया था।’’
उन्होंने कहा कि आज ही के दिन आदिवासी भाई-बहनों ने एकजुटता के साथ न केवल देश के स्वाभिमान की रक्षा की थी, बल्कि देशवासियों को भी प्रेरित किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हूल विद्रोह का नेतृत्व जिस साहस और पराक्रम के साथ सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो समेत तमाम वीर-वीरांगनाओं ने किया, उससे अंग्रेजी हुकूमत में खलबली मच गई थी।’’
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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विद्रोह में हजारों आदिवासियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, लेकिन वे अन्याय के खिलाफ नहीं झुके। माना जाता है कि 30 जून 1885 को अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ ये विद्रोह आरंभ हुआ था।
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