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Hindi News भारत राष्ट्रीय 22 जुलाई: आज ही के दिन भारत को मिला था अपना तिरंगा, जानिए 1906 से 1947 तक कितना बदला राष्ट्रीय ध्वज

22 जुलाई: आज ही के दिन भारत को मिला था अपना तिरंगा, जानिए 1906 से 1947 तक कितना बदला राष्ट्रीय ध्वज

आज हम भारत के राष्ट्रीय झंडे को जिस तरह से देख रहे हैं, शुरुआत में यह ऐसा नहीं था। हमारे राष्ट्रीय ध्वज के विकास में कुछ ऐतिहासिक मील के पत्थर हैं जिन्होंने अलग-अलग झंडे को अलग-अलग रंग और पहचान दी।

<p>Indian Flag</p>- India TV Hindi Image Source : FILE Indian Flag

भारत की आजादी के इतिहास में 22 जुलाई का एक खास महत्त्व है। इस दिन भारत को अपनी अलग पहचान मिली थी। दरअसल वह 22 जुलाई का दिन था, जब संविधान सभा ने राजेंद्र प्रसाद कमिटी की सिफारिश पर तिरंगे को देश के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अपनाया था। ध्वज में तीन रंग के होने की वजह से इसे 'तिरंगा' भी कहते हैं। हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था। गौरतलब है कि सेना में काम कर चुके पिंगली वेंकैया को महात्मा गांधी ने तिरंगे को डिजाइन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। 

यह पिंगली वेंकैया की ही सोच थी जो तिरंगे के रूप में भारत की पहचान बनी। भारत के राष्ट्रीय ध्वज शीर्ष पर केसरिया रंग की क्षैतिज पट्टी होती है, जो बीच में सफेद और नीचे गहरे हरे रंग के बराबर अनुपात में बांटी गई है। ध्वज की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात 2:3 है। सफेद पट्टी के केंद्र में एक नीले रंग का च्रक है जिसमें 24 तिल्लियां हैं। इस प्रतीक को सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया है। 

गांधी जी ने सौंपी थी जिम्मेदारी 

ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी कर रहे पिंगली वेंकैया की गांधी जी से मुलाकात दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। इस दौरान वेंकैया ने अपने अलग राष्ट्रध्वज होने की बात कही जो गांधीजी को भी पसंद आई। महात्मा गांधी से भेंट होने पर बापू की विचारधारा का उन पर काफी प्रभाव पड़ा। वहीं बापू ने उन्हें राष्ट्रध्वज डिजाइन करने का काम सौंपा दिया। जिसके चलते वह स्वदेश लौट आए और इस पर काम शुरू कर दिया। पिंगली वेंकैया ने लगभग 5 सालों के गहन अध्ययन के बाद तिरंगे का डिजाइन तैयार किया था। इसमें उनका सहयोग एस.बी.बोमान और उमर सोमानी ने दिया और उन्होंने मिलकर नैशनल फ्लैग मिशन का गठन किया।

Image Source : FileIndian Flags

गांधी जी की सलाह पर हुआ बदलाव 

झंडा डिजाइन करते वक्त पिंगली वेेंकैया ने गांधी जी से सलाह ली। उन्होंने ध्वज के बीच में अशोक चक्र रखने की सलाह दी जो पूरे राष्ट्र की एकता का प्रतीक है। पिंगली वेंकैया ने पहले हरे और लाल रंग के इस्तेमाल से झंडा तैयार किया था, मगर गांधीजी को इसमें संपूर्ण राष्ट्र की एकता की झलक नहीं दिखाई दी और फिर ध्वज में रंग को लेकर काफी विचार-विमर्श होने शुरू हो गए। अंततः साल 1931 में कराची कांग्रेस कमिटी की बैठक में उन्होंने ऐसा ध्वज पेश किया जिसमें बीच में अशोक चक्र के साथ केसरिया, सफेद और हरे रंग का इस्तेमाल किया गया। 

1906 से 1947 तक का सफर 

आज हम भारत के राष्ट्रीय झंडे को जिस तरह से देख रहे हैं, शुरुआत में यह ऐसा नहीं था। हमारे राष्ट्रीय ध्वज के विकास में कुछ ऐतिहासिक मील के पत्थर हैं जिन्होंने अलग-अलग झंडे को अलग-अलग रंग और पहचान दी।

Image Source : FileIndian Flag 1906

1.  भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को सामने आया था। इसे तत्काली कलकत्ता के पारसी बगान चौक में फहराया गया था। दरअसल यह भी एक तिरंगा था, लेकिन इसमें हरे, पीले और लाल रंग की पंट्टियां थीं। हरे रंग की पट्टी में आठ कलम के फूल, लाल रंग की पट्टी में चांद और सूरज और बीच में पीले रंग की पट्टी में 'वंदे मातरम्' लिखा हुआ है।

Image Source : FileIndian Flag 1907

2. भारतीय इतिहास में देश का दूसरा राष्ट्रीय ध्वज की चर्चा 1907 में होती है। इसे मैडम भीखाजी कामा द्वारा पेरिस में फहराया गया था। यह ध्वज काफी कुछ 1906 के झंडे जैसा ही था, लेकिन इसमें सबसे ऊपरी की पट्टी का रंग केसरिया था और कमल के बजाए सात तारे सप्‍तऋषि प्रतीक थे। नीचे की पट्टी का रंग गहरा हरा था जिसमें सूरज और चांद अंकित किए गए थे।

Image Source : FileIndian Flag 1917

3. देश में तीसरे झंडे की तस्वीर 1917 में सामने आती है। इसे होम रूल आंदोलन के दौरान फहराया गया था। इस झंडे में पांच लाल और चार हरी क्षैतिज पट्टियां थीं। जिसके अंदर सप्‍तऋषि के सात सितारे थे। बांयी और ऊपरी किनारे पर यूनियन जैक भी मौजूद था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।

Image Source : fileIndian Flag 1921

4. देश का चौथा झंडा साल 1921 में सामने आया। विजयवाड़ा में हुए भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में एक झंडे का इस्तेमाल किया गया जिसे चौधा राष्ट्रीय ध्वज कहा गया। तीन रंगों की पट्टियों में गांधीजी के चरखें के प्रतीक को दर्शाया गया था। इस झंडे में तीन रंग- सफेग रंग के अलावा लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्‍दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्‍व करता है। 

Image Source : FileIndian Flag 1931

5. 1947 में अपनाए गए राष्ट्रीय ध्वज का स्वरूप काफी कुछ 1931 में अपनाए गए  राष्ट्रीय ध्वज जैसा ही है। इस झंडे में तीन रंग- केसरिया, सफेद और हरे रंग की पट्टियां थीं। सफेद पट्टी के बीचों-बीच गांधी जी के चरखा का प्रकीक बनाया गया था।

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