नई दिल्ली: वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को पुलिस अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग में कथित भ्रष्टाचार के मामले होम सेक्रेटरी को सीलबंद लिफाफे में सारे सबूत सौंप दिया। सबूत सौंपने के बाद फडणवीस ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की। इससे पहले उन्होंने दावा किया कि पुलिस महकमे में तबादले और पोस्टिंग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को लेकर खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने कार्रवाई नहीं की और उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला द्वारा इजाजत लेकर फोन रिकॉर्ड किए गए थे और कॉल पर की गई बातचीत का ‘6.3 जीबी डेटा’ उनके पास है जिसमें कई अहम पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी। बीजेपी नेता ने कहा कि इन सभी फोन कॉल को राज्य सरकार से उचित अनुमति लेकर शुक्ला ने रिकॉर्ड किया था लेकिन अगस्त 2020 में मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को रिपोर्ट सौंपने के बावजूद रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने कहा, “मैं इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहा हूं।” फडणवीस ने पत्रकारों से कहा, “तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, आईपीएस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं समेत अन्य के नामों का उल्लेख किया गया है। यह बहुत संवेदनशील सूचना है, इसलिए मैं फिलहाल इसका खुलासा नहीं कर रहा हूं।” विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें 2017 में गुप्त सूचना मिली थी कि पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के संबंध में पुलिस के कुछ अफसर एक होटल में बैठक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “यह एक गिरोह का हिस्सा था और पूरी तरह से अवैध था। इसलिए छापा मारा गया और गिरफ्तारियां की गईं।” फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे तब उनके पास गृह विभाग का जिम्मा भी था। बीजेपी नेता ने कहा, “खुफिया विभाग की आयुक्त रश्मि शुक्ला को इसी तरह की गतिविधि के बारे में पता चला था और उन्होंने गृह विभाग के एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) से उचित अनुमति मांगी थी और कई पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के फोन कॉल रिकॉर्ड किए।”
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