नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के दौरान तमिलनाडु में द्रमुक से वामदलों को चंदे के रूप में 25 करोड़ रुपये मिलने से उपजे विवाद पर भाकपा महासचिव डी राजा ने गुरुवार को कहा कि गठबंधन के सहयोगियों को दी जाने वाली इस तरह की सहायता तमिलनाडु की राजनीति में सामान्य बात है। साथ ही उन्होंने कहा कि चंदे की राशि पारदर्शी तरीके से दी गई और इसका ब्योरा चुनाव आयोग को दिया जाएगा।
राजा ने संवाददाताओं को बताया कि भाकपा को चुनावी चंदे के रूप में द्रमुक से पैसा पारदर्शी तरीके से मिला। इसमें कुछ भी छुपाया नहीं गया है। चुनाव आयोग को द्रमुक द्वारा दिए गए चुनाव खर्च के ब्योरे में इस बात का खुलासा हुआ है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाकपा को 15 करोड़ रुपये और माकपा को दस करोड़ रुपये दिए थे। द्रमुक और वामदलों ने तमिलनाडु में गठबंधन करके चुनाव लड़ा था।
राजा ने कहा, ‘‘यह सही है कि भाकपा को द्रमुक से पैसा मिला था, यह तमिलनाडु में गठबंधन की राजनीति का हिस्सा है। इसमें कुछ भी अनैतिक नहीं है। पैसे का लेन-देन बैंक के जरिए पारदर्शी तरीके से किया गया। जब हम चुनाव आयोग को पार्टी के चुनाव खर्च का ब्योरा देंगे, तब स्थिति स्वत: स्पष्ट हो जाएगी।’’
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