साल 2000 से अब तक के बड़े रेल हादसे
नई दिल्ली: जबलपुर से मुंबई जा रही जनता एक्सप्रेस और मुंबई से वाराणसी जा रही कामायनी एक्सप्रेस बुुद्धवार देर रात मध्य प्रदेश में हरदा स्टेशन के पास पटरी से उतर गई। पटरी से उतरने के
30 जुलाई 2012: दिल्ली से चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस की एक बोगी में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के समीप आग लग जाने से कम से कम 35 यात्री जिंदा जल गए।
31 मई 2012: हावड़ा से देहरादून जा रही दून एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में जौनपुर के निकट पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी।
22 मई 2012: बेंगलूर जा रही हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में कम से कम 25 लोग मारे गए थे।
11 जनवरी 2012: दिल्ली जा रही ब्रह्मपुत्र मेल और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
22 नवंबर 2011: झारखंड के गिरिडीह में हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस में आग लग जाने से सात लोग जिंदा जल गए थे।
7 जुलाई 2011: उत्तर प्रदेश में एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर 80 यात्रियों को लेकर जा रही एक बस के रेलगाड़ी से टकरा जाने पर कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई थी।
22 मई 2011: बिहार के मधुबनी जिले में एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक पैसेंजर ट्रेन एक वाहन से टकरा गई थी। इस हादसे में वाहन में सवार 16 लोगों की मौत हो गई थी।
19 जुलाई 2010: सियालदह जा रही उत्तरबंगा एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सैंथिया स्टेशन पर वनांचल एक्सप्रेस से टकरा गई थी जिसमें कम से कम 60 लोग मारे गए थे।
28 मई 2010: पश्चिम बंगाल में रेल पटरियों में तोड़फोड़ के कारण ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरियों से उतर गए थे और उनमें एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 148 लोगों की मौत हुई थी।
16 जून 2004: मुम्बई जा रही मत्स्यगंधा एक्सप्रेस महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एक पुल पार करते समय पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 20 लोग मारे गए थे और 60 से अधिक घायल हो गए थे।
2 जुलाई 2003: आंध्र प्रदेश में एक रेलगाड़ी के दो डिब्बे इंजन सहित एक पुल के नीचे से गुजर रहे वाहनों पर गिर गए थे। इस हादसे में वाहन सवारों सहित कम से कम 22 यात्रियों की मौत हो गई थी।